- 25 सितंबर को उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देने के बाद भी कार्रवाई न होने से भाकियू कार्यकर्ताओं में रोष, जमकर की नारेबाजी
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
समस्याओं का समाधान नहीं होने पर भारतीय किसान यूनियन राजू गुप्ता गुट के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार से बीकेटी तहसील परिसर में बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।तहसील मंत्री अमरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि बीते 25 सितंबर को उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर पैकरामऊ की भूमि गाटा संख्या- 233 , जो सरकारी अभिलेखों में श्मशान दर्ज है,श्मशान की भूमि गलत तरीके से दूसरे व्यक्ति के नाम हो गयी है, जाँच कराकर श्मशान की भूमि पर दर्ज खातेदार के नाम को निरस्त करके श्मशान की भूमि को सुरक्षित करवाया जाये।वहीं ग्राम रजौली की गाटा संख्या 1032 नवीन परती पर बाबूलाल पुत्र हीरा लाल द्वारा अवैध रूप से मकान बनाये हुए हैं। जिस पर बेदखली की कार्रवाई भी हुई एवं दूसरी गाटा संख्या 1039 नवीन परती पर कब्जा किये हुए हैं,जिसपर निर्माण कार्य जारी है। राजस्व टीम द्वारा कब्जा बेदखल कराया गया था, परन्तु कब्जा नहीं हटाया गया,जिससे उसपर अन्य लोग भी कब्जा कर रहें हैं। ग्राम प्रधान द्वारा मना करने पर ग्राम प्रधान को भी उल्टा सीधा कहा जाता है।
वहीं तहसील बख्शी का तालाब के अंतर्गत आने वाले ग्राम शिवपुरी में साहू कम्पनी द्वारा बड़े पैमाने पर आवासीय प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। जिसमें गाटा संख्या 1571,1626,1293 , 1265 1357,1422 चकमार्ग व रास्ता अभिलेखों में दर्ज है। जिस पर कम्पनी द्वारा निजी रोड डाल प्लाटिंग की जा रही है। ग्राम शिवपुरी में ही गाटा संख्या 1578,1619,1585,1353 जो कि राजस्व अभिलेखों में नवीन परती दर्ज है, उक्त सभी गाटों को साहू कम्पनी द्वारा अपनी प्लाटिंग में मिलाकर प्लाटिंग की जा रही है।इतना ही नहीं गाटा संख्या 1365 खाल निकालने की सुरक्षित भूमि, गाटा संख्या 1569,1575,1280,1296,1361 नाली के लिए सुरक्षित भूमियों को भी साहू कम्पनी द्वारा अपनी प्लाटिंग के अन्दर कर लिया गया है। की जांच करा कर नाली की भूमि को खाली कराया जाए।ग्राम दसौली में सरकारी नाली की भूमि गाटा संख्या 121,122,134 पर इंट्रीगल यूनिवर्सिटी के मालिक द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। जाँच कराकर सरकारी नाली से कब्जा हटवाने सहित कई तहसील क्षेत्र के विभिन्न गावों की 62 मांगें रखी गईं थीं। ज्ञापन देने के बाद उपजिलाधिकारी से कहा गया था कि अगर 14 दिसंबर तक समाधान नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा। तहसील प्रशासन ने एक भी समस्या का निस्तारण कराने की जरूरत नहीं समझी है। मजबूरन धरना प्रदर्शन शुरू करना पड़ा है।