अफसर बंगले में, कड़ाके की सर्दी से गोशालाओं में अंतिम सांसें गिन रहीं गायें !

  • नगर पंचायत बीकेटी की गोशाला में गुरुवार को ठंड से बीमार पड़ी तीन गायों की मौत
  • शासन – प्रशासन की सख्ती के बाद भी निचले स्तर पर अफसर नहीं कर रहे काम , कागजों में किए जा रहे सर्दी से बचाव के इंतजाम नाकाफी

निष्पक्ष प्रतिदिन,लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी नगर पंचायत एवं विकासखंड के अधिकारी गोशालाओं में रखीं गायों की देखभाल में भारी लापरवाही बरत रहे है। जिले में बनाई गईं गोशालाओं में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए अभी तक इंतजाम नहीं हो सके हैं। कीचड़, गंदगी और अव्यवस्था के बीच गायें तड़प रही हैं। उनको ठंड से बचाने के लिए कहीं भी बेहतर इंतजाम नहीं हो सके हैं।जिसका जीता जागता उदाहरण गुरुवार सुबह को नगर पंचायत बीकेटी की गोशाला में देखने को मिला।जहां बदइंतजामी के चलते ठंड से मर गयीं।मौजूदा समय में लगातार बढ़ रही सर्दी और सर्दी से बचाव के इंतजाम नाकाफी होने के कारण ज्यादातर गोशालाओं में गायें बीमार पड़ रही हैं। उनका इलाज तक नहीं किया जा रहा है। लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी गो संरक्षण केंद्रों की हालत खराब है। ऊपर से गाय व गोवंश की देखभाल करने वाले प्रधान प्रशासन से मदद न मिलने के कारण कर्जदार हो जाने की बात कर रहें हैं। इससे प्रधान भी मुसीबत में हैं।
फिलहाल किसी भी गोशाला में सर्दी से बचाव का कोई पुख्ता इंतजाम अभी नहीं हो पाएं है।इस कड़ाके की सर्दी में जमीन पर विछाने के लिए लिए कुछ नहीं डाला गया।ऐसे में गोवंश ठिठुर रहे हैं।उनमें बीमारी का खतरा भी बना हुआ है।गत दिनों पशु पालन विभाग के जिम्मेदारों ने सिर्फ कागजों में ही नगर पंचायत बीकेटी,महोना, इटौंजा सहित विकासखंड क्षेत्र की 18 गोशालाओं में पर्याप्त इंतजाम करने को कहा था। यह भी कहा था कि गोशाला में तिरपाल बांधे जाएं । किसी भी हालत में गोवंशीय पशु खुले में नहीं रखे जाएंगे । इसके अलावा भी कई इंतजाम करने को कहा गया था। एडीएम वित्त एवं राजस्व की बैठक में तो अधिकारियों ने सभी काम करने की हामी भर दो थी। मगर अब तक हुआ कुछ नहीं।सर्दी से बचाने के लिए अब गोवंशो को काऊ कोट तक उपलब्ध नहीं करवाये जा सके हैं।भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान भी कड़ाके की सर्दी में गोवंशों की उचित देखभाल न होने पर निमोनिया का खतरा होने की बात कह चुका हैं।इधर पशु चिकित्सकों का भी कहना है कि सदी में पशुओं को बचाने के लिए खासा सतर्कता बरतने को कहा गया है। डायरिया भी हो सकता है। पशु एक दूसरे से भी संक्रमित हो सकते हैं।गुरुवार को नगर पंचायत बीकेटी की गोशाला में तीन गोवंशीय पशुओं की मौत भी हो गयी है । अब सर्दी ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।बावजूद इसके गोशालाओं मे संरक्षित गोवंशीय पशुओं की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं है।वर्तमान में गोशालाओं में पशु सर्दी में जमीन पर पड़े ठिठुर रहे हैं।

बचाव के इंतजाम सिर्फ कागजों में अपनाए जा रहे हैं। ऐसे में गोशाला में काम करने वाले कर्मचारी भी मान रहे हैं कि आने वाली सर्दी में पशुओं के बीमार होने और मरने को संख्या बढ़ सकती है।जबकि जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार,मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राकेश सिंह द्वारा गोवंशीय पशुओं के संरक्षण के लिए गोशालाओं में इंतजाम दुरुस्त रखने के निर्देश संबंधित ब्लॉक और पशु पालन विभाग के अधिकारियों को कई बार दिए जा चुके हैं,कि गोवंशीय पशु की ठंड से मौत नहीं होनी चाहिए , सभी को इंतजाम दुरुस्त रखने को कहा गया है।फिर भी सख्ती के बाद भी निचले स्तर पर अफसर काम नहीं कर रहे हैं, सिर्फ कागजों में बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं।यहां बता दें कि बीते दिनों डीएम ने बैठक में स्पष्ट कहा था कि सर्दी से गोशाला में रखे गए किसी गोवंशीय पशु की मौत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सर्दी से बचाने के लिए सभी जरूरी निर्देश भी दिये थे।लेकिन देखने में आ रहा है कि शासन – प्रशासन की सख्ती के बाद भी निचले स्तर पर अफसर काम नहीं कर रहे हैं, वे सिर्फ कागजों में गोवंशीय पशुओं को सर्दी से बचाने का काम कर रहे हैं,जो सर्दी से बचाव के लिए नाकाफी हैं।

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