नई दिल्ली। कैबिनेट मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा प्रेसवार्ता कर कहा कि दिल्ली सरकार शहर में कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए एक कानून लाएगी।
ओल्ड राजेंद्र नगर में एक संस्थान के बाढ़ ग्रस्त बेसमेंट में तीन आईएएस उम्मीदवारों के डूबने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार कानून बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों और विभिन्न कोचिंग हब के छात्रों की एक समिति का गठन करेगी।
उन्होंने कहा, “कानून में बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की योग्यता, शुल्क विनियमन और भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के प्रावधान होंगे। जनता की प्रतिक्रिया भी मांगी जाएगी।”
आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने कानूनों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट का उपयोग करने वाले कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की है।
कहा कि, “राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर और प्रीत विहार में 30 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट सील कर दिए गए हैं, जबकि 200 अन्य कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किए गए हैं।”
मंत्री आतिशी ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट अगले छह दिनों में सौंप दी जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर कोई अधिकारी इस घटना में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध निर्माण के कारण ओल्ड राजिंदर नगर में यह हादसा हुआ।” आतिशी के अनुसार, जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि किस अधिकारी ने राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल में बेसमेंट के अवैध इस्तेमाल के बारे में एक आईएएस उम्मीदवार द्वारा एमसीडी को भेजी गई शिकायत को नजरअंदाज किया, जहां तीन छात्रों की मौत हो गई। मजिस्ट्रेट जांच में यह पता लगाया जाएगा कि शिकायत पोर्टल का प्रभारी कौन अधिकारी था, जहां शिकायत अपलोड की गई थी और इसे कैसे नजरअंदाज किया गया।” ग्वालियर के एक सिविल सेवा उम्मीदवार ने सोमवार को दावा किया था कि उन्होंने संस्थान द्वारा बेसमेंट के अवैध इस्तेमाल के बारे में एमसीडी से शिकायत की थी और 15 और 22 जुलाई को रिमाइंडर भेजे थे, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।