श्रावण मास के दिनों में शिवालयों और शिवमंदिरों पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बुधवार को कहा कि श्रावण मास में भक्तों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। शिवालयों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी।

डीजीपी ने बताया कि राज्य सरकार और पुलिस विभाग का सभी प्रमुख त्योहारों के बारे में पहले से ही एक बेसिक चीजें तय कर दी गई हैं कि सभी परम्परागत तरीके से की जाएगी। कोई भी नई परम्परा नहीं शुरू की जाएगी। इन्हीं मूल सिद्धांताें को लेकर आगे बढ़ते है और हम सभी धर्म गुरुआें और शांति कमेटियों के साथ बैठक करते रहते हैं। यही एक वजह है कि 2017 के बाद से समारोहों के दौरान शांति में किसी तरह की खलल नहीं पड़ी है। इस बार भी, राज्य सरकार के निर्देश पर, मैंने मुख्य सचिव के साथ तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए विभिन्न स्थानों का दौरा किया।

उन्हाेनें कहा कि हमने राज्य सरकार के निर्देश पर जगह-जगह जाकर समीक्षा की है। हम मेरठ, अयोध्या और मथुरा भी गये है। कांवड़ यात्रा के दौरान जो डीजे चलते हैं और मोहर्रम के दौरान जो ताजिया बनते हैं, उनकी लंबाई को निर्धारित किया जाए। जिससे धार्मिक चीजों से किसी को असुविधा न हो और श्रद्धालुओं के किसी भी भावनाओं को ठेस न पहुंचे। यूपी में आज 15 हजार जुलूस हैं, सभी चीज़ें शांतिपूर्ण तरीके से हो रही हैं। सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो 65 कंपनी पीएसी आठ कंपनी सीरपीएफ के अलावा पुलिस फोर्स लगी हुई है। मोहर्रम के बाद श्रावण का एक महींने का त्योहार चलेगा। पश्चिमी यूपी, रुहेलखंड, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या और अन्य क्षेत्रों में जहां सोमवार को बड़ी भीड़ होती है, वहां सावन माह में पड़ने वाले 5 सोमवारों को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। इसको देखते हुए सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी।

डीजीपी ने कहा कि बुलडोजर को लेकर कुछ लोगों ने भ्रांतियां फैला रखी हैं। पहला चीज यह कि बुलडोजर का इस्तेमाल किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ नहीं किया जाता। अगर कोई भी व्यक्ति गरीब के खिलाफ बुलडोजर का उपयोग करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बुलडोजर का इस्तेमाल सिर्फ अवैध रूप से अतिक्रमण की गई जमीन को खाली कराने या अवैध रूप से बने ढांचों को गिराने के लिए किया जाता है। यह कार्रवाई पुलिस के द्वारा नहीं की जाती। पुलिस सिर्फ रिपोर्ट पेश करती है और संबंधित विभाग कार्रवाई करता है। पुलिस सिर्फ शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात की जाती है।

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