- अवैध शराब के काले कारोबार को आबकारी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों का खुलेआम संरक्षण होने के कारण इस काले कारोबार पर नहीं लग पा रहा पूर्ण प्रतिबंध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नकली और अवैध शराब पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती का लखनऊ में ही कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।सूबे के बाकी अन्य जिलों में क्या हाल होगा।यह इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है।कि शुक्रवार को राजधानी के वीआईपी इलाके हजरतगंज में एक क्लब और रेस्टोरेंट में हरियाणा की शराब खुलेआम परोसी जा रही थी।जिसका खुलासा आबकारी विभाग ने ही की है।अब यहां पर सवाल खड़ा होता है कि आखिर किसके शह पर लखनऊ के अधिकतर होटलों,रेस्टोरेंटो और क्लबों में हरियाणा की शराब परोसी जा रही है।
आबकारी विभाग एवं पुलिस की मिलीभगत से एक लंबे अरसे से हरियाणा से अवैध रूप से शराब लाकर राजधानी लखनऊ में काला कारोबार कर लोगों की जान से खिलावाड़ करने वालों का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।पुलिस के अलर्ट होने के बावजूद भी लखनऊ में रेस्टोरेंटों,क्लबों और होटलों में जमकर हरियाणा की अवैध शराब परोसी जा रही है।सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों का खुलेआम संरक्षण होने के कारण इस काले कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है।अभी भी धड़ल्ले से यह कारोबार चल रहा है।ये लोग चंद पैसों के मुनाफे के लिए लखनऊ वासियों की जान से खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं।यह शराब हरियाणा से लाकर लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में पहुंच रही है। अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध न लगना आबकारी एवं पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।तो वहीं लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश में आबकारी और पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार बदस्तूर जारी है।अवैध शराब के इस कारोबार को रोकने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग सिर्फ दिखावे के लिए अभियान चलाता है। हालांकि, अब भी विभाग के सामने अवैध धंधा कर रहे मुख्य सरगनाओं को पकड़ने की बड़ी चुनौती है।
सूत्रों के अनुसार कुछ शराब तस्करों के संपर्क हरियाणा से माल लाने वाले एजेंटों से हैं। ये एजेंट अपने रिस्क पर 1000 से 3000 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से माल लाते हैं। यहां माल वे खरीददार को सौंप जाते हैं। इसे यहां तस्कर दो तरह से बेच रहे हैं। एक तो हरियाणा का लेबल हटाकर यूपी के लेबल से और दूसरा चोरी छिपे हरियाणा के लेबल से। जो शराब हरियाणा के लेबल से बिक रही है, वह तो हरियाणा की कीमत से मात्र 50 या 100 रुपये महंगी मिलती है, बल्कि लेबल बदलकर बिकने वाली शराब यूपी के रेट में बिकती है।शराब के अवैध कारोबार को कुचलने तथा इसमें लिप्त लोगों को कड़ी सजा दिलाने को लेकर जिले में आबकारी महकमा रस्म अदायगी से आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है। जबकि अवैध शराब की बिक्री विभाग के संज्ञान में होती है, लेकिन कार्रवाई की सुध तभी आती है जब किसी जनपद में कोई बड़ा हादसा हो जाता है। ऐसे मौकों पर छिटपुट कार्रवाई के बाद आबकारी महकमा एक बार फिर से पुराने ढर्रे पर लौट जाता है।मादक पदार्थों के अवैध धंधे का खेल सिर्फ लखनऊ तक ही सीमित नहीं। शराब का अवैध कारोबार जिले में भी तेजी से फलफूल रहा है। इस पर अंकुश पाने को लेकर आबकारी विभाग वर्ष के ज्यादातर दिनों में लापरवाह बना रहता है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लंबे समय से ऐसे कारोबार पर अंकुश पाने के लिए बड़ा अभियान नहीं चल सका है। बता दें कि शासन के तमाम दिशा निर्देश के बाद यदि अभियान चलता भी है, तो महज औपचारिकता ही निभाई जाती है। नतीजा यह है कि इसमें लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं और बेधड़क होकर अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं।09 नवंबर 2023 को लखनऊ की चारबाग पुलिस ने रात 10 बजे के बाद शराब सप्लाई करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग ब्रांडेड शराब में मिलावट कर लोगों को कम दाम में बेचते थे। पुलिस ने इनके पास से करीब 500 बोतल अलग-अलग ब्रांड की शराब की बोतलें बरामद की थी।इसी तरह 21 अक्टूबर 2022 को मोहनलालगंज पुलिस ने शराब की तस्करी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था।पुलिस ने आरोपी के पास से हरियाणा में निर्मित शराब की 304 पेटियां बरामद की थी।13 जनवरी 2023 को फतेहपुर क्राइम ब्रांच पुलिस और मलवा थाने की पुलिस ने मिलकर शराब की 270 पेटी शराब तस्कर से बरामद की थी। करीब 25 लाख रुपए कीमत की शराब के साथ एक अभियुक्त भी गिरफ्तार किया गया। यह शराब हरियाणा से बिहार ले जाई जा रही थी।जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन को रोकने के लिए विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। शौकिनों को अवैध शराब के सेवन से दूर रखने और शराब माफिया के विषय में तत्काल जानकारी देने के लिए आबकारी विभाग प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक भी नहीं कर रहा है।
आबकारी और पुलिस को हर अवैध शराब विक्रेता की होती है खबर
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आबकारी और स्थानीय पुलिस को इलाके के हर नशा तस्कर की जानकारी होती है।उन्हें यह भी पता होता है कि कौन व्यक्ति कौन सा नशा बेच रहा है।कहां से वह शराब लेकर आते हैं और कौन सी गाड़ी में शराब की कौन से रास्ते से आपूर्ति होती है।इसकी भी जानकारी उनको होती है।बावजूद इसके काला कारोबार फल फूल रहा है।