कोलकाता। दुर्गा पूजा से पहले पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन और भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा की खास तैयारियां की गई हैं। कोलकाता पुलिस ने महालया के एक दिन पहले, केवल पांच घंटे के भीतर चार निर्देश जारी किए हैं। ये सभी निर्देश दो अक्टूबर यानि आज से लागू हो गए और ये 30 नवंबर तक प्रभावी रहेंगे।
कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाकर मनोज वर्मा को उनकी जगह नियुक्त किया गया है। मनोज वर्मा ने शहर के प्रमुख पूजा आयोजकों के साथ बैठक कर सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया था और पंडालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया था। इस बीच, पुलिस ने महालया के ठीक पहले, कुछ नई गाइडलाइंस जारी कीं, जिनमें किरायेदारों के संबंध में नए नियम, साइबर कैफे के संचालन, और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर निर्देश शामिल हैं।
पहले निर्देश में कहा गया है कि मकान मालिक किसी को भी किराए पर घर दे सकते हैं, लेकिन किरायेदार की पहचान की पूरी जानकारी पुलिस को देना अनिवार्य है। मकान मालिकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने किरायेदार की जानकारी लिखित रूप में नजदीकी थाने में जमा करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अपराधी या आतंकी तत्व किसी भी मकान में छिप न सकें। इसके साथ ही, किरायेदार से संबंधित सभी जानकारी पुलिस के पास उपलब्ध होनी चाहिए।
दूसरे निर्देश के अनुसार, कोलकाता पुलिस को जानकारी मिली है कि आने वाले दिनों में कई रैलियां और सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिससे कुछ इलाकों में अशांति फैल सकती है। इसे रोकने के लिए, पुलिस ने कुछ क्षेत्रों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू करने का निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों में दो अक्टूबर से 30 नवंबर तक पांच से अधिक व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठा होने पर पाबंदी रहेगी। प्रेस क्लब, न्यू रोड, मेयो रोड, हेयर स्ट्रीट, फेयरली प्लेस, लालबाजार आदि क्षेत्रों में यह पाबंदी लागू रहेगी।
तीसरे निर्देश में साइबर कैफे के संचालन को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं। साइबर कैफे में आने वाले हर व्यक्ति को फोटो पहचान पत्र दिखाना होगा और उसका रिकॉर्ड रखना होगा। कैफे संचालकों को सभी गतिविधियों का लेखा-जोखा रखना होगा और कम से कम छह महीने तक सर्वर का डेटा सुरक्षित रखना होगा। अगर किसी पर संदेह हो, तो तुरंत स्थानीय थाने को सूचित करना होगा।
चौथे निर्देश में पर्यावरण को बचाने के लिए कचरे को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय शहर को प्रदूषण से बचाने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लिया गया है।
इन सभी निर्देशों का पालन न करने पर पुलिस संबंधित आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।