पंचकूला। रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ने वाला 22 वर्षीय हरियाणा के युवक की मौत हो गई। मृतक के परिवार ने दावा किया कि मास्को में भारतीत दूतावास ने रवि मौन की मौत की पुष्टि की है। मृतक के भाई अजय मौन ने कहा कि रूस सेना ने उन्हें फ्रंटलाइन पर युद्ध करने के लिए भेज दिया था।
रवि मौन, हरियाणा के कैथल जिले के मटौर गांव के रहने वाला था। उनके भाई ने दावा किया कि ट्रांसपोर्टेशन की नौकरी के लिए रवि 13 जनवरी को रूस गया था। लेकिन उन्हें सेना में शामिल कर लिया गया। अजय मौन ने अपने भाई के ठिकाने की जानकारी के लिए 21 जुलाई को दूतावास को पत्र लिखा था।
शव की पहचान के लिए डीएनए रिपोर्ट भेजने को कहा
उन्होंने कहा कि दूतावास ने हमें बताया कि उनकी मौत हो गयी है। परिवार ने कहा कि दूतावास ने उनसे शव की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण रिपोर्ट भेजने को कहा है। अजय मौन ने कहा कि उनका भाई 13 जनवरी को रूस गया था। एक एजेंट ने उसे ट्रांसपोर्टेशन की नौकरी के लिए रूस भेजा था। हालांकि, उसे रूसी सेना में शामिल कर लिया गया।
प्रशिक्षण खाई खोदने का, भेज दिया सेना में
मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उनके भाई को यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में जाने या 10 साल की जेल का सामना करने के लिए दबाव बनाया। अजय मौन ने कहा कि उन्हें खाई खोदने का प्रशिक्षण दिया गया और बाद में अग्रिम पंक्ति में भेज दिया गया।
शव लाने के लिए पीएम मोदी से की अपील
उन्होंने कहा कि हम 12 मार्च तक उनके संपर्क में रहे और वह काफी परेशान थे। अजय मौन के पत्र पर भारतीय दूतावास के जवाब के अनुसार, रूस ने रवि मौन की मौत की पुष्टि की है।
हालांकि, शव की पहचान करने के लिए, उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए परीक्षण की जरूरत है। अजय मौन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने भाई के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने का भी अनुरोध किया है।