इतने कम में तो सदन या सरकार भीतर विपक्ष का कोई सदस्य कोई खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है- गुरदीप सप्पल

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार को उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम को नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपए के नोटों की गड्डी मिली. इसे लेकर कुछ देर सदन में हंगामा हुआ इस दौरान सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक भी हुई. हालांकि ये पैसे किसके हैं यह अभी पता नहीं चल सका है

वहीं इस मामले पर पूर्व सलाहकार उपराष्ट्रपति, पूर्व सीईओ राज्यसभा टीवी और एआईसीसी के प्रशासनिक प्रमुख गुरदीप सप्पल ने कहा कि पूरा दिन बीत गया लेकिन राज्यसभा में किसके रुपए गिरे थे, पता नहीं चला है

जांच करने में इतनी देरी क्यों?
गुरदीप सप्पल ने कहा कि संसद टीवी के 18 कैमरे लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे. अनेकों CCTV भी सदन में लगे हैं कितनी देर लगती है जांच करने में? एक फिश आई लेंस भी लगा है, जो पूरे सदन के हर कोने को एक सिंगल शॉट में हमेशा रिकॉर्ड करता है राज्यसभा टीवी बनाते वक्त उसे इसीलिए लगाया था कि सदन के भीतर, हर कोने का, हर पल रिकॉर्ड होता रहे.

कैश रखना गैर कानूनी तो नहीं
सप्पल ने कहा कि वैसे देखा जाए तो इसमें जांच करने वाली बात ही क्या है? सीधा सीधा लॉस्ट एंड फाउंड का मामला है जैसे किसी का फोन या आइपैड कभी सीट पर छूट जाता है, या कोई फाइल छूट जाती है, तो काउंटर पर जमा कर देते हैं, ताकि जिसका हो वो ले जाए. ऐसे ही इस एक गड्डी का मामला है, जो अधिक से अधिक 50 हजार होगा इतना कैश रखना ग़ैर क़ानूनी तो है नहीं राज्यसभा का कोई ऐसा नियम भी नहीं है कि जेब में रुपए ले जा नहीं सकते, या ले जाने से पहले सिक्योरिटी को बताना होता है

हंगामा क्यों बरपा है?
गुरदीप सप्पल ने कहा कि ये भी नहीं कि बीजेपी ने जो नेतामंडी पूरे देश में सजाई है, उसमें कोई सांसद 50 हजार रुपए में बिकता हो इतने कम में तो सदन या सरकार भीतर विपक्ष का कोई सदस्य कोई खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है. सदन में तो कोई मनी-लांड्रिंग भी नहीं होती है, कि इस रुपए के बंडल को जब्त किया जा सके, तो फिर गैर कानूनी क्या है? हंगामा क्यों बरपा है?

उन्होंने कहा कि हम सब लोकल पॉलिटिक्स के किस्से सुनते आए हैं कि गाड़ी में कोई आपत्तिजनक चीज रखवा कर पुलिस से गिरफ़्तार करवा देते हैं. या फिर किसी को टिफिन चोरी के मामले में जेल में डाल देते हैं लेकिन ये टोटके संसद तक पहुंच जाएं, ये तो कतई ठीक नहीं है

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