प्रयागराज में तीन दिनों से चल रही बारिश से मिली राहत, तराई क्षेत्र में नद‍ियों का जलस्‍तर बढ़ा

प्रयागराज। जिले में बारिश के बाद गंगा-यमुना के जल स्तर में पुन: वृद्धि शुरू हो गई है। पहाड़ों पर हो रही वर्षा के कारण यहां पानी आने का क्रम लगातार जारी है। बारिश के बाद शुक्रवार को तेजी के साथ दोनों नदियों में हलचल तेज दिखी। जल स्तर की गति धीमी है लेकिन इसमें निरंतरता बनी हुई है।

शुक्रवार की सुबह आठ बजे गंगा नदी में फाफामऊ का जल स्तर 78.28 मीटर था जो रात आठ बजे 78.40 पहुंच गया। 12 घंटे में 12 सेंटीमीटर यहां जल स्तर में वृद्धि रिकार्ड की गई। वहीं, छतनाग में 75.97 मीटर से जल स्तर बढ़कर 76.31 हो गया, यहां 12 घंटे में 34 सेमी पानी बढ़ा है।

यमुना नदी में नैनी में जल स्तर सुबह 76.65 मीटर था जो रात आठ बजे 32 सेमी बढ़कर 76.97 मीटर हो गया। जबकि एक दिन पहले गुरुवार से शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अुनसार फाफामऊ में छह सेंटीमीटर, छतनाग में 12 सेंटीमीटर, नैनी में यमुना का जल स्तर 17 सेंटीमीटर ही बढ़ा है।

शुक्रवार को अचानक तेजी आने से फिर से बाढ़ के संकेत मिलने लगे हैं। गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग आठ मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बीते 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो अगस्त महीने के अंत तक जल स्तर के खतरे के निशान के आस-पास पहुंचने की संभावना है।

हालांकि जल स्तर जैसे जैसे बढ़ेगा उसका फैलाव कछारी इलाके में होगा, इससे तेज गति मंद पड़ेगी। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी को खास कर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है।

प्रयागराज में बड़ी संख्या में तटीय इलाके में बने घरों में किराये के कमरे में छात्र रहते हैं। पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंचने लगी है।

गंगा-यमुना

चेतावनी लेवल – 83.73 मीटर

खतरे का निशान – 84.73 मीटर

सेवटी नदी पर बना रपटा डूबा, आधा दर्जन गांवों का टूट गया संपर्क
कोरांव क्षेत्र में लपरी, सेवटी व अन्य पहाड़ी नदियों में उफान आ गया है। लपरी नदी के किनारे बसे बिसरी व जमुआ गांव में नदी पार करने के लिए बनाया गया रास्ता पूरी तरह से पानी में डूब गया है। सेवटी नदी पर छड़गड़ा गांव में बनाया गया रपटा भी पानी में डूबा हुआ है।

क्षेत्र के कोरांव-कोहड़ार घाट मार्ग से जुड़े बिसरी संपर्क मार्ग पर लपरी नदी में उफान के कारण रपटा के तीन फिट ऊपर पानी बह रहा है। शुक्रवार सुबह से ही गांव के लोगों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है। छड़गड़ा गांव में बना रपटा डूबने से भी कई गांव की आवाजाही प्रभावित है।

तहसीलदार राजेश कुमार पाल ने बताया की जिन गांवों में नदियों में उफान के कारण रपटे डूबे हुए हैं, वहां क्षेत्रीय लेखपालों के माध्यम से लोगों को आवागमन में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया जा रहा है।

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग आठ मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बीते 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो महीने के अंत तक जल स्तर के खतरे के निशान के पास पहुंचने की संभावना है।

जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी को खासकर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है। पानी बढ़ने से कछारी क्षेत्र में रहने वाले 50 हजार से अधिक लोगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं।

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