वीटो पावर इस्तेमाल को कई तरह के सवाल उठते रहे हैं, कई देशों की तरफ से इसके इस्तेमाल को लेकर दवाब बनाने की कोशिश भी की जाती है. इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किसी देश का नाम लिए बगैर ही साफ संदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा और वह किसी डर की परवाह किए बिना राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा वह करेगा. जयशंकर ने बताया कि भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. जहां इसे विकास की नई संभावनाएं दिख रही हैं. हालांकि, कुछ पुरानी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, जिन्हें सुलझाना जरूरी है.
मुंबई में एक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने कहा कि जब भारत वैश्विक चेतना में अधिक गहराई से जुड़ जाता है, तो इसके नतीजे वास्तव में गहरे होते हैं.
भारत की विरासत से बहुत कुछ सीखा जा सकता- जयशंकर
उन्होंने कहा कि अस्वस्थ आदतों, तनावपूर्ण जीवनशैली या बार-बार होने वाली जलवायु घटनाओं से जूझ रही दुनिया में, भारत की विरासत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन दुनिया को तभी पता चलेगा जब देशवासी इस पर गर्व करेंगे.
जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को एक साथ चलना होगा. उन्होंने कहा कि भारत अनिवार्य रूप से प्रगति करेगा. लेकिन उसे अपनी भारतीयता को खोए बिना ऐसा करना होगा. तभी हम वास्तव में बहुध्रुवीय विश्व में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर सकते हैं.
जानें क्या है वीटो की पावर
यूएनएससी पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखने की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है. इसकी शक्तियों में शांति अभियानों का योगदान, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करना और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों से सैन्य कार्रवाई करना भी शामिल होता है. मौजूदा समय में यूएनएससी के पांच परमानेंट मेंबरों के पास वीटो पॉवर है. वीटो पॉवर यानी किसी भी फैसले को रोक देने की क्षमता. यूं समझिए 5 देशों में कोई एक देश अगर किसी फैसले को रोकना चाहता है तो वो वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है.