डीसी मनरेगा की उदासीनता के चलते नही केंसिल किये जा रहे मास्टररोल, कगजपूर्ती तक सिमट तक रह गयी कार्यवाही , घोटाले बाज भुगतान का कर रहे इंतजार ।
बोले पंचायत मित्र मेट चला रहे ऐप
सीतापुर । जनपद में डीसी मनरेगा की उदासीनता के चलते नही केंसिल किये जा रहे मास्टररोल, कगजपूर्ती तक सिमट तक रह गयी कार्यवाही , घोटाले बाज भुगतान का कर रहे इंतजार ।जनपद की अधिकतर विकास खण्डों में मनरेगा कार्यों में फर्जी श्रमिक हाजिरी दर्ज की जा रही है, जिम्मेदारों के संरक्षण में शासनादेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है, रोजगार सेवक मनमाने तरीके से हाजिरी दर्ज कर रहे है, एक श्रमिक एक ही दिन में कई कार्यों पर कार्य करते दर्शाए जा रहे है ,फिर भी विकास खंड और जनपद मुख्यालय पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी सुधि नहीं ली रहे है।
विकास खंड बेहटा की ग्राम पंचायत में राय माड़र में मनरेगा के अंतर्गत दो कार्य चल रहे है, पहले कार्य पंडित के खेत से विजय के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर 6 मास्टर रोल पर 51 श्रमिको की हाजिरी दर्ज की गई तो दूसरे कार्य शौकत के खेत से यादव के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य पर पांच मास्टर रोल पर 48 श्रमिको की हाजिरी दर्ज की गई, दोनो ही कार्य पर जिम्मेदार के द्वारा ऑनलाइन दर्ज की गई हाजिरी में फोटो अपलोड की गई, अपलोड की गई फोटो में दोनो ही कार्यों पर मात्र आठ आठ श्रमिक ही कार्य दिखाई पड़ रहे है, और दोनो ही कार्यों पर एक ही श्रमिक एक साथ कार्य करते है।
प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया फोन नही उठाया गया, वही पंचायत मित्र ने बताया की मैं आज बाहर आया था मेट ने हाजिरी लगाई है मुझे जानकारी नहीं है।
विकास खंड परसेंडी की ग्राम पंचायत उमरी शादीपुर में जिम्मेदारों के संरक्षण में लगातार कई दिन से बिना कार्य के ही हाजिरी दर्ज की जा रही है, उमरी शादीपुर में चल मनरेगा कार्य महसिंहपुर गांव में नहर से पुत्ती लाल के मिट्टी पटाई कार्य पर प्रतिदिन लगभग 50 श्रमिको की फर्जी हाजिरी दर्ज की जा रही है, ऑनलाइन दर्ज की गई फर्जी हाजिरी में लगभग 3 माह पुराने फोटो अपलोड किए जा रहे है, तीन तीन माह पुराने फोटो अपलोड किए जा रहे है जिससे यह साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है।
जनपद में ऑनलाइन हाजिरी का जिम्मेदारों ने मखौल बना दिया है, सरकार के आदेशों को ताख पर रखकर मनमाने तरीके से हाजिरी दर्ज करा रहे है, ऑनलाइन अपलोड किए गए डाटा में तीन तीन माह पुरानी फोटो अपलोड की जा रही है जिससे यह प्रतीत होता है की या तो जिम्मेदार ऑनलाइन हाजिरी को समय समय पर जांच ही नही करते है या फिर फर्जी हाजिरी जिम्मेदारों के संरक्षण में लगाई जा रही है।