मथुरा में ट्रांसपोर्टर को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस खुलासे के करीब

मथुरा। आगरा के ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र यादव को उसकी प्रेमिका के हिस्ट्रीशीटर पिता ने बेटी व पत्नी व भाई की मदद से कार के अंदर जिंदा जलाकर मार दिया था। हिस्ट्रीशीटर ने बेटी को भगाने के आरोप में दर्ज मुकदमें में समझौता करने के बहाने बुलाया और फिर फरह में लाकर मार दिया।

बेटी और पत्नी को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। हिस्ट्रीशीटर और उसका बेटा फरार है। ट्रांसपोर्टर के भाई ने चारों के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस की दो टीमें आरोपितों की गिरफ्तारी को छापेमारी कर रही हैं।

जली कार में मिली थी लाश

फरह थाना के दीनदयाल धाम से परखम जाने वाले मार्ग पर सोमवार सुबह एक जली हुई स्विफ्ट कार में आगरा के कुबेरपुर की द्वारकापुरम कालोनी निवासी ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र यादव उर्फ टिंकू का शव जली अवस्था में मिला था। रविवार शाम उन्होंने अपनी कार खराब होने के कारण मित्र अजय तोमर के भाई विजय तोमर की कार कुछ दिनों के लिए ली थी।

मृतक के छोटे भाई देवेंद्र यादव ने बताया, 25 फरवरी की शाम पुष्पेंद्र यादव संजय पैलेस पर अपने भाई प्रवेंद्र कुमार उर्फ पिंकी, दोस्त रमन के साथ बैठे थे। तभी उसके पास आगरा के ककरेटा निवासी हिस्ट्रीशीटर अवधेश यादव का फोन आया और उसने मिलने के लिए बुलाया था। सोमवार सुबह पुष्पेंद्र का शव मिला।

पांच महीने पहले ले गया था बेटी

पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि करीब पांच माह पहले अवधेश यादव की बेटी डॉली को पुष्पेंद्र अपने साथ ले गया था। उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसी मुकदमें में समझौता करने के बहाने अवधेश ने पुष्पेंद्र को अपने घर बुलाया था, इसके बाद पुष्पेंद्र को वहां से लाकर यहां हत्या कर दी गई।

पुलिस ने अवधेश की पत्नी भूरी, बेटी डाली को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। जबकि अवधेश और उसके भाई राजेश यादव की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पुष्पेंद्र की हत्या कैसे की गई है, ये अवधेश की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा।

सीओ रिफाइनरी श्वेता वर्मा ने बताया, मृतक के भाई के शिकायती-पत्र पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिशें दे रही हैं।

साढ़े छह लाख दिए थे पुष्पेंद्र ने

पुष्पेंद्र के भाई देवेंद्र ने बताया कि ट्रकों बनाने वाले अवधेश यादव, उसके भाई राजेश यादव के साथ मृतक पुष्पेंद्र यादव के पारिवारिक संबंध थे। पुष्पेंद्र ने अवधेश यादव को साढ़े छह लाख रुपये अपनी पत्नी रीना यादव के सामने दिए थे। अवधेश यादव ने अपनी पुत्री डॉली के माध्यम से पुष्पेंद्र के खिलाफ आगरा में झूठा मुकदमा लिखवा कर धन ऐंठने का प्रयास किया। मुकदमा अभी विचाराधीन है। रविवार शाम को पुष्पेंद्र यादव मुकदमे में समझौता करने व अपने पैसे वापस लेने के लिए ककरेटा गए थे।

38 सीसीटीवी खंगाले, तब दिखी कार

हत्या की घटना के बाद पुलिस ने कार के रास्तों की जानकारी के लिए आगरा-दिल्ली हाईवे पर लगे 38 सीसीटीवी खंगाले। इनमें हाईवे पर लगे सीसीटीवी के अलावा सर्विस लेन पर स्थित ढाबों में लगे सीसीटीवी भी खंगाले गए थे। रात 1.30 बजे फरह अंडरपास से कार परखम की ओर जाती दिखाई दी। इससे साफ है कि कार में आग डेढ़ से दो बजे के बीच ही लगाई गई है।

पुलिस से दस मिनट पहले भागा आरोपित

पूलिस ने बेटी और उसके बाद मां को हिरासत में ले लिया। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया तो मुहल्ले के लोगों ने विरोध भी किया। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की गई, लेकिन जब घटना की जानकारी हुई, तो लोग शांत हो गए।

अवधेश को आजीवन कारावास की सजा

फरह थाना प्रभारी कमलेश सिंह ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर अवधेश यादव आगरा के भूरा यादव गैंग का सदस्य रहा है। भूरा यादव की काफी पहले मृत्यु हो चुकी है। वर्ष 2005 में मथुरा के कोतवाली क्षेत्र में अवधेश के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें वह जेल गया था। अवधेश यादव को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वह जमानत पर जेल से बाहर है।

स्वजन बोले, केवल धड़ मिला

मृतक पु्ष्पेंद्र का कहना है कि जली हुई स्विफ्ट कार में केवल पुष्पेंद्र का जला हुआ धड़ ही मिला है। बाकी का हिस्सा नहीं मिला है। ऐसे में आशंका है कि कहीं उनके हाथ और गर्दन तो नहीं काटी गई। पुलिस का कहना है कि शव पूरी तरह जल गया था, इसलिए ऐसा लग रहा था। पुष्पेंद्र का पूरा शरीर था।

वारदात के बाद से पुलिस की पांच टीमें प्रकरण का राजफाश करने में जुटी हुई हैं। काफी सफलता मिल चुकी है। जल्द ही आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। -डा.अरविंद कुमार, एसपी सिटी

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