महाराष्ट्र में सियासी खिचड़ी पक रही है: महायुति और महाविकास अघाड़ी में नाराजगी का दौर

महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय बड़ी हलचल मच रही है, जहां महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही राजनीतिक खेमों में अंदरूनी विवाद और नाराजगी सामने आ रही हैं।

महायुति में असंतोष

महायुति के भीतर भी असंतोष की लहरें उठ रही हैं, खासकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर। शिंदे और उनके समर्थकों का कहना है कि भाजपा और एनसीपी के बीच बढ़ती नज़दीकी और शिंदे को मुख्यमंत्री पद पर कम तवज्जो दिए जाने के कारण वे नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक, शिंदे का कहना है कि उनकी योजनाओं को रोका जा रहा है और कुछ फैसलों से वे हाशिए पर आ गए हैं।

एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेताओं का आरोप है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच बढ़ती नज़दीकी से शिंदे को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद पर सही स्थान नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते शिंदे कई बैठकाओं से अनुपस्थित भी रहे हैं।

महाविकास अघाड़ी में विवाद

महाविकास अघाड़ी के भीतर भी तकरार थमने का नाम नहीं ले रही। शरद पवार द्वारा एकनाथ शिंदे को सम्मानित किए जाने पर उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। संजय राउत ने इसे “राजनीतिक दलाली” करार दिया और शरद पवार से नसीहत दी कि शिंदे ने महाराष्ट्र के साथ गद्दारी की है, ऐसे व्यक्ति को सम्मानित नहीं किया जाना चाहिए।

राउत ने कहा, “शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार गिराई और बेईमानी की, ऐसे व्यक्ति को सम्मानित करना महाराष्ट्र के दिल को दुखा रहा है।”

राजनीतिक सरगर्मियाँ

महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही गठबंधन आगामी चुनावों के लिए अपनी-अपनी रणनीतियाँ तैयार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में कई रैलियां कीं और चुनावी प्रचार अभियान में जुट गए हैं।

महाराष्ट्र की राजनीति में यह सियासी घमासान यह संकेत दे रहा है कि अगले कुछ महीनों में यह संघर्ष और भी तेज़ हो सकता है।

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