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उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई है. यहां एक कारोबारी ने अपनी ही पत्नी को जिंदा जलाने की कोशिश की. बाद में वह जिंदा बच गई तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह जीवन और मौत के बीच जूझ रही है. घटना 18 दिन पहले की है, लेकिन इसकी भनक महिला के परिजनों को दो दिन पहले हुई है. इसके बाद परिजनों ने पुलिस में आरोपी कारोबारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी आबिद रियाज कानपुर में जाजमऊ का एक लेदर कारोबारी है. उसका निकाह करीब पांच साल पहले पश्चिम बंगाल में रहने वाली शीबा के साथ हुई थी. इस शादी के बाद दोनों को एक बच्चा भी हुआ. बावजूद इसके पति-पत्नी के बीच आए दिन टकराव की स्थिति बनी रही. परिजनों ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी आबिद रियाज निकाह के बाद से ही दहेज के लिए उनकी बेटी को प्रताड़ित करता था.
दहेज ना मिलने पर जिंदा जलाने का प्रयास
कई बार उसने मारपीट भी की. इस संबंध में शीबा ने फोन कर मायके वालों को बताया भी, लेकिन मायके वाले यही सोच कर चुप रह जाते कि समय के साथ स्थिति संभल जाएगी. आरोप है कि 19 जनवरी को भी आबिद रियाज का अपनी पत्नी शीबा के साथ दहेज को ही लेकर झगड़ा हुआ. जब शीबा ने अपने मायके से दहेज लाने से मना किया तो आबिद और उसके परिजनों ने उसे कालीन पर बैठा कर आग लगा दी.
16 दिनों तक नहीं दी परिजनों को खबर
आग लगने से शीबा चीखने चिल्लाने लगी तो पास पड़ोस के लोग भी पहुंच गए. इसके बाद बड़ी मुश्किल से आग बुझाया गया और फिर शीबा को जाजमऊ के ही एक अस्पताल में भर्ती करा दिया. जहां उसका इलाज अब तक जारी है. शीबा के परिजनों ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी आबिद रियाज और उसके परिजनों ने 16 दिनों तक मामले को दबाए रखा और उन्हें खबर तक नहीं दी.
पुलिस ने दर्ज किया केस
किसी माध्यम से उन्हें दो दिन पहले खबर मिली तो वह कानपुर पहुंचे हैं. पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी पति आबिद रियाज और उसके परिवार वालों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक मामले की छानबीन जारी है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर, अस्पताल में तैनात डॉक्टरों के मुताबिक शीबा को तकरीबन 45 प्रतिशत बर्न है. ऐसी स्थिति में उसे अभी कुछ दिन और अस्पताल में रखना होगा.