बेंगलुरु। कर्नाटक में अवैध धन ट्रांसफर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब कर्नाटक भाजपा ने कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़े अवैध धन ट्रांसफर मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी)की जांच को खारिज कर दिया है। इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की गई है। पार्टी ने मामले के संबंध में अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र के खिलाफ आरोपों के बाद उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की है।
चार सदस्यीय एसआईटी टीम का किया गया था गठन
बता दें कि राज्य सरकार ने जांच करने के लिए बेंगलुरु में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबिकर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया था। इस दौरान राज्य भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा, ‘मैं पारदर्शिता के हित में और असली दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग करता हूं और एसआईटी जांच को खारिज करता हूं।
बी नागेंद्र को बर्खास्त करने की मांग
साथ ही उन्होंने कहा, हम आरोपी मंत्री बी नागेंद्र को कैबिनेट से तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हैं। बी वाई विजयेंद्र ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से ये बात कही है।
जानकारी के लिए बता दें कि अवैध धन ट्रांसफर का मामला तब सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर पी.की 26 मई को आत्महत्या हो गई और वो एक मृत्यु नोट छोड़कर गए।
क्या था मामला?
इसमें निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अवैध धन ट्रांसफर का खुलासा हुआ,और उसमें से 88.62 करोड़ रुपये कथित तौर पर “प्रसिद्ध” आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक से संबंधित विभिन्न खातों में अवैध रूप से ट्रांसफर किए गए थे। इस मामले में आगे अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उनसे सवाल भी किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार से पूछा, क्या सरकार इस मामले में जुड़े भ्रष्टाचार का हिसाब बता पाएगी? हालांकि कांग्रेस सरकार ने अभी इस मामले में कोई तर्क नहीं दिया है।