अत्यधिक वर्षा से क्षतिग्रस्त तटबंध की तत्काल मरम्मत करवायी जाए : स्वतंत्रदेव सिंह

लखनऊ। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में तटबंधों की मज़बूती और नहरों की सुरक्षा के संबंध में कड़े दिशा-निर्देश दिए।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नहरों की देखरेख में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जाँच करायी जाए। यदि अत्यधिक वर्षा या अन्य कारणों से कहीं भी तटबंध क्षतिग्रस्त हुये हैं, तो उसकी तत्काल मरम्मत करवायी जाए। साथ ही संबंधित अधिकारी समय-समय पर नहर की पटरियों व बंधो का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी तैनाती स्थल पर ही रहें, बिना पूर्व सूचना के मुख्यालय से बाहर न जाएँ। विभाग के अधीन वाली परिसंपत्तियों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दें, समय समय पर उनकी मरम्मत का कार्य कराते रहें।

उदयगंज स्थित सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के मुख्यालय में जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्थिति पर सतत निगरानी रखी जाए। बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों के समस्त अधिकारी व कर्मचारी ज़िला प्रशासन से नियमित संपर्क बनाए रखें, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। नदियों के जलस्तर और तटबंधों की निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए। बाढ़ चौकियों पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी निरंतर स्थिति पर नज़र बनायें रखें। किसी भी आकस्मिक या आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में रिजर्व स्टॉक का प्रबन्ध समस्त तटबन्धों रखें व ऐसे ठेकेदारों के नाम व मोबाइल नम्बर का विवरण भी रखें। जिससे आपातकालीन स्थिति में तत्काल लेबर व सामग्री की व्यवस्था हो सके। बंधों पर प्रकाश की व्यवस्था भी की जाये।

जलशक्ति मंत्री ने नहरों में टेलफ़ीडिंग की जानकारी लेते हुए निर्देश दिया कि अनिवार्य रूप से नहरों के टेल तक पानी की पहुँच सुनिश्चित कराएं, इस कार्य में उदासीनता नहीं होनी चाहिए। किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से उनके अधीन आने वाली नहरों की निर्माण के समय और वर्तमान समय की चौड़ाई और गहराई की जानकारी ली और जिन नहरों की जलग्रहण की क्षमता वर्तमान में कम रह गई है उन कारणों की जानकारी ली और उन्हें पूर्व की स्थिति में लाने के लिए सुझाव भी लिये। उन्होंने कहा कि विभाग के अधीन नहरों की पटरियों को अभियान चलाकर गड्ढामुक्त करायें, जहां पर सड़क निर्माण के लिए मौसम अनुकूल नहीं हैं, वहाँ तात्कालिक रूप से आवागमन सुनिश्चित कराएँ और मौसम अनुकूल होते ही स्थायी कार्य कराकर सड़कों को गड्डामुक्त कराएँ।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा में लगे कर्मियों को अवकाश पर न जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बांध एवम् नहरों पर 24 घण्टे निगरानी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने से धन-जन की हारि किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए। कहीं भी रिसाव आदि की सूचना मिलने पर तत्काल मरम्मत करायी जाये।

बैठक में प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार सचान, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन संदीप कुमार, सहित संबंधित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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