अवैध रूप से संचालित आशा नर्सिग होेम के संचालक पर होगा मुकदमा: सीएमओ

जांच के बाद नर्सिंग होम कर दिया गया था सील

बलिया। सीएमओ डॉ. विजय​पति द्विवेदी ने शनिवार की दोपहर बताया कि अधिवक्ता नगर में अवैध रूप से संचालित आशा नर्सिग होेम के संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जायेगा। शुक्रवार को आशा नर्सिग होम को सील कर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिया गया है। बीते दिनों सीएमओ डॉ. विजय​पति द्विवेदी के पास आशा नर्सिग होम के खिलाफ शिकायत पहुंची थी कि यह नर्सिग होम अवैध रूप से संचालित हो रहा है। सीएमओ ने मामले की गंभीरता से समझते हुए छ: सदस्यीय टीम बनाई थी। टीम का नेतृत्व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजय यादव कर रहे थे। जांच की रिपोर्ट के बाद नर्सिग होम को सील कर दिया गया था। अब संचालक के खिलाफ मुकदमा कराने की प्रक्रिया शुरू करा दी गयी है।

करीब एक सप्ताह पहले सेना के एक जवान ने डीएम को शिकायती पत्र देकर उक्त नर्सिंग होम में रोगियों के इलाज में लापरवाही व आर्थिक शोषण की शिकायत की थी। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर कागजात तलब किये गये थे। हालांकि संचालक ने कागज बदल दिया और अस्पताल तथा इलाज करने वाले डॉक्टरों का नाम दूसरा हो गया। शुक्रवार को पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच-पड़ताल की तो अस्पताल का संचालन अवैध मिला। इस सम्बंध में एसीएमओ डॉ. विजय यादव का कहना है कि जांच में रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर अस्पताल को सील किया गया है।

संविदा पर तैनात है संचालक दम्पती

बलिया। सीएमओ कार्यालय के पास जिस नर्सिंग होम को सील किया गया है, उसका संचालन डॉक्टर दम्पति करता था। बताया जा रहा है कि पति सदर अस्पताल तथा पत्नी जिला महिला अस्पताल में संविदा पर तैनात है। दोनों इसका फायदा उठाते हुए रोगियों को बहला-फुसलाकर अपने नर्सिंग होम में लेकर जाते थे।

अवैध नर्सिंग होम में अल्ट्रा साउंड की भरमार

बलिया। जिले में अवैध नर्सिंग, जांच तथा अल्ट्रा साउंड केंद्र संचालन की शिकायतें अक्सर सामने आती रहती है। यही नहीं, सूत्रों का दावा है कि, जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल व सीएमओ कार्यालय के आसपास भी अवैध नर्सिंग, जांच तथा अल्ट्रा साउंड केंद्र की भरमार है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं करते हैं। सीएमओ कार्यालय से कुछ दूरी पर संचालित अस्पताल पर भी शायद कार्रवाई नहीं होती, लेकिन सेना के जवान ने डीएम से इसकी शिकायत कर दी और स्वास्थ्य विभाग को बैकफुट पर आना पड़ा। 

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