ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो या नहीं, सुनवाई आज, इसके साथ ही होंगे कई और फैसलें…

वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सर्वे की रिपोर्ट को पक्षकारों को देने की मांग पर आज आदेश आएगा। इसके साथ ही सर्वे रिपोर्ट से जुड़े कई प्रार्थना पत्रों का निस्तारण भी जिला जज की अदालत में होगा। बीते छह जनवरी को एएसआई की ओर से प्रार्थना पत्र देकर चार सप्ताह तक सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग की थी। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था।

अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट को चार सप्ताह तक नहीं खोलने व सार्वजनिक नहीं करने की मांग करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बीते तीन जनवरी को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था।

18 द‍िसंबर को कोर्ट में दाखि‍ल की गई थी र‍िपोर्ट
एएसआई की ओर से एडवोकेट गवर्मेंट कौंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें बताया कि चार अगस्त से दो नवंबर तक ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट बीते 18 दिसंबर को अदालत में दाखिल की गई है।

ज्ञानवापी को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से वर्ष 1991 में पं. सोमनाथ व्यास तथा अन्य पक्षकारों की ओर से ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा पाठ करने के अधिकार देने को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट कोर्ट में मुकदमा लंबित है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआइ को यही रिपोर्ट इस मुकदमे में भी दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि आवश्यक होने पर अदालत एक बार फिर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे करने का आदेश दे सकती है।

अदालत के आदेश पर सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने से पहले खुल जाती है और जनता के बीच में सार्वजनिक हो जाती है तो अफवाह फैलने की संभावना है। इसके चलते एएसआइ को फिर से सर्वे करने में कठिनाई होगी। वर्तमान सर्वे रिपोर्ट को अदालत में दाखिल करने की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। एएसआइ ने प्रार्थना किया कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में कोई बाधा नहीं हो इसलिए अदालत चार सप्ताह तक सर्वे रिपोर्ट को नहीं खोलने, नहीं किसी पक्षकार को दिए जाने का आदेश दे। इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अदालत ने एएसआइ को 24 जनवरी तक का समय दिया।

वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार वादी महिलाओं मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी की ओर से सर्वे रिपोर्ट उनके वकील विष्णु शंकर जैन को देने की मांग की गई है। मस्जिद पक्ष ने एक और प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें मांग किया है कि अदालत सभी पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट देने का आदेश देती है तो उनके वकील एखलाक अहमद को भी ई-मेल पर सर्वे रिपोर्ट दी जाए।

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