भारत के पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फ्री स्पीच को लेकर अहम बात की. उन्होंने शुक्रवार को फ्री स्पीच को लेकर कहा कि अगर बिना किसी नियंत्रण के फ्री स्पीच की पूरी आजादी हो जाए, तो पावरफुल लोग दूसरों को दबा देंगे. पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने केरल हाई कोर्ट में संविधान दिवस पर “संविधान के तहत भाईचारा – एक समावेशी समाज के लिए हमारी खोज” विषय पर अपनी बात रखी.
साथ ही उन्होंने कहा, असमान समाज में जिनके पास ज्यादा पैसा होता है, प्रभाव होता है और प्लेटफार्म होता है वो इतनी ताकत रखते हैं कि वो सार्वजनिक चर्चा पर हावी हो सकते हैं और हाशिये पर मौजूद लोगों की आवाजों को दबा सकते हैं
पूर्व CJI ने क्या कहा?
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, वो समाज जहां असमानता है, उस में जिनके पास शक्ति है वो अपनी स्वतंत्रता का इस्तेमाल उन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करेंगे जो कम शक्ति वाले लोगों के लिए हानिकारक हैं. साथ ही उन्होंने कहा, अगर स्पीच में पूरी तरह से आजादी दी जाएगी तो जिनके पास ज्यादा पैसा और पावर है वो अपनी स्पीच से बाकी सभी आवाजों को दबा देंगे
पूर्व सीजेआई ने कहा, जहां एक तरफ संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है, वहीं दूसरी तरफ अगर बोलने की आजादी पर नियंत्रण न रखा जाए तो फिर यह हेट नैरेटिव को बढ़ावा देगा उन्होंने कहा, इस तरह के नैरेटिव सामाजिक समानता को बाधित करेंगे संविधान अभिव्यक्ति की आजादी और इस अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन क्या हो कि अगर नैरेटिव हेटफुल बन जाए तो, फिर आजादी बराबरी को खत्म कर देगी
“भाईचारा एक स्थिर शक्ति”
चंद्रचूड़ ने कहा कि इसी तरह, अगर समाज में अंतर्निहित मतभेदों और संसाधनों की असमानता को पहचाने बिना सभी को बराबर समझा जाए, सभी के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाए तो इससे संसाधनों वाले लोगों को सामाजिक और सांस्कृतिक पूंजी वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा फायदा होगा
उन्होंने आगे कहा, इसलिए समानता कम बराबर वालों की स्वतंत्रता को नष्ट कर देगी. भाईचारा कितना जरूरी है इस पर उन्होंने कहा, लोकतंत्र में भाईचारा एक बड़ी स्थिर शक्ति है जो सभी लोगों के लिए काम करती है