सुल्तानपुर में मनाया गया ईद-ए ग़दीर का पर्व

मस्जिदों में अदा की गई नमाजे, शियाने हैदर-ए कर्रार संस्था ने लगाई सबील

ईद-ए ग़दीर के अवसर पर मंगलवार को मुस्लिम समुदाय ने खुशियां मनाई। इस बीच शिया समुदाय की ओर से जहां घरों में फातेहा खानी हुई वही सामाजिक संगठन शियाने हैदर-ए कर्रार की ओर से सबील लगाई गई। जगह जगह महफिलों का भी आयोजन किया गया।

मंगलवार को मुसलमानों के चौथे खलीफा व शिया समुदाय के पहले इमाम की वेलायत के ऐलान के मौके पर विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दिन को ईद-ए ग़दीर का दिन कहा जाता है। जिसमें शिया समुदाय के लोगो ईद की तरह मस्जिदों में जमा होकर आमाल करते हैं। एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद देते हुए खुशियां मनाई जाती है। लोग महफिल व फातेहा खानी का भी आयोजन करते हैं।

ग़दीर में हज़रत अली को पैग़म्बर मोहम्मद ने घोषित किया था अपना उत्तराधिकारी

इस मौके पर शियाने हैदर-ए कर्रार वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आरटीओ ऑफिस के सामने सबील लगाई गई। वही खैराबाद, अमहट, सुरौली, हसनपुर, मनियारपुर आदि स्थानों पर महफिल का आयोजन किया गया। बताया जाता है कि आज ही के दिन पैग़म्बर मोहम्मद अपने जीवन के अंतिम हज से लौटते समय ग़दीर नामक स्थान पर पहुंचे और कहा जो आगे बढ़ गए हैं उनको बुलाया जाए। जो पीछे हैं उनका इंतजार किया जाए। जब सभी हाजी जमा हो गये तो ऊंटों के कजावो का मिम्बर बनाकर पैग़म्बर मोहम्मद ने हजरत अली को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

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