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फरीदरामनगर बाराबंकी। जिले की सबसे चर्चित विधान सभा रामनगर से विधायक पद का चुनाव हारे भाजपा प्रत्याशी रहे शरद कुमार अवस्थी के द्वारा चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई थी। उधर सपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक हाजी फरीद महफूज किदवई ने याचिका का विरोध करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में अर्जी दाखिल कर याचिका खारिज करने का आग्रह किया था। हाई कोर्ट ने विधायक की अर्जी मंजूर करते हुए याचिका खारिज कर दी है।ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में रामनगर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप शरद कुमार अवस्थी तथा सपा प्रत्याशी के रूप में हाजी फरीद महफूज किदवई चुनाव लड़े थे। मतगणना में फरीद महफूज किदवई को निर्वाचित घोषित किया गया था। जिस पर प्रतिद्वंद्वी रहे शरद कुमार अवस्थी ने विधायक फरीद महफूज व अन्य लोगों को पक्ष कार बनाते हुए चुनाव याचिका दाखिल कर मतगणना में धांधली आदि का आरोप लगाया था। इस याचिका का विरोध करते हुए सपा विधायक ने निर्धारित नियमों के तहत चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने की बात कहते हुए अर्जी दाखिल कर याचिका खारिज करने का आग्रह किया था। जिस पर कोर्ट ने फैसले ने कहा कि मतगणना स्थल पर तैनात याची के पोलिंग एजेंटों ने कानून के अनुसार पुनर्मतगणना का आग्रह नहीं किया । चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पुनर्मतगणना की अर्जी जिला निर्वाचन अधिकारी को दी। दस्तावेजों का मुआयना भी नहीं किया गया। ऐसे में पोलिंग एजेंटों ने समुचित स्तर पर पर्याप्त मौका होने के बावजूद इसका उपयोग नहीं किया। चुनाव हारने के बाद यह याचिका दाखिल की गई ऐसे में निर्वाचित विधायक की अर्जी मंजूर की जाती है और याचिका की अर्जी को खारिज किया जाता है। याचिका के खारिज होने के संबंध में सपा विधायक फरीद महफूज की किदवई ने हमारे संवाददाता से कहा कि सत्य की जीत हुई है। न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा था मुझे न्याय मिला है।