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भारत लगातार कामयाबी और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है इसी दिशा में अब देश में सबसे पहला हाइपरलूप ट्रेन टेस्ट ट्रैक तैयार कर लिया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी यह ट्रैक 410 मीटर लंबा है रेल मंत्री ने इस ट्रैक की एक वीडियो भी शेयर की
यह टेस्ट ट्रैक थाईयुर में आईआईटी मद्रास के डिस्कवरी कैंपस में मौजूद है इस ट्रैक को भारतीय रेलवे, आईआईटी-मद्रास की अविष्कार हाइपरलूप टीम और संस्थान में स्थापित स्टार्टअप टीयूटीआर हाइपरलूप ने मिलकर तैयार किया है
क्या है खासियत?
हाइपरलूप टीम का केंद्रीय मकसद तेज स्पीड, किफायती, विश्वसनीय और टिकाऊ परिवहन का निर्माण करना है थाईयुर में आईआईटी मद्रास के डिस्कवरी कैंपस में 410 मीटर हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक 100 किमी/घंटा की स्पीड से पहली बार चलाया गया था अब टेस्ट लंबे ट्रैक पर आगे बढ़ेंगे और वहां से लगभग 600 किमी/घंटा की स्पीड तक रफ्तार भरेंगे
अगर चीजें सही होती हैं, तो हाइपरलूप तकनीक शहरों की आवाजाही के तरीके को बदल सकती है और एक नए विकास पर ले जा सकती है. जहां ट्रेन से घंटों का सफर मिनटों में बदल सकता है इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय रेल मंत्रालय ने 8.34 करोड़ रुपये का फंड दिया है अगर आप इस तकनीक का मकसद समझना चाहते हैं तो वो यह है कि हाइपरलूप का मकसद (मिसाल के लिए) चेन्नई से बेंगलुरु के 350 किलोमीटर के सफर को 15 मिनट में तय करने का है
IIT मद्रास ने किया तैयार
हाइपरलूप ट्रेन के विभिन्न चरणों को डिजाइन करने के लिए आईआईटी-मद्रास की टीम आविष्कार प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इस तकनीक को एक नई स्पीड तब मिली जब तकनीकी अरबपति एलोन मस्क ने 2012 में इस तकनीक में नए रिसर्च का ऐलान किया. आईआईटी-मद्रास के इस प्रोजेक्ट में 76 छात्र काम कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट 2 फेस में तैयार किया जाएगा पहले चरण में 11.5 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण शामिल होगा. जरूरी टेस्ट पूरा होने के बाद, लगभग 100 किमी के बाकी के मार्ग को कवर करने के लिए दूसरा चरण शुरू किया जाएगा
कितने लोग एक बार में कर पाएंगे सफर
हाइपरलूप ट्रेन की टॉप स्पीड 1100 किमी प्रति घंटे प्रस्तावित की गई है, जबकि सिस्टम की परिचालन स्पीड 360 किमी प्रति घंटे या 100 मीटर प्रति सेकंड प्रस्तावित की गई है हाइपरलूप एक बहुत ही तेज स्पीड वाली परिवहन प्रणाली है जो एक पॉड की तेज स्पीड में आवाजाही सुनिश्चित करेगी. यह पॉड एक बार में लगभग 24-28 लोगों को ले जाएगा हालांकि, यह ट्रेन सीधे मंजिल पर पहुंचाएगी और बाकी ट्रेनों की तरह बीच में और किसी स्टेशन पर नहीं रुकेगी