चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस 2 साल के कम के बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक

चीन में जिस वायरस ने कहर बरपा रखा है उसे लेकर भारत में भी चिंता काफी होने लगी है. भारत में भी मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इसका टेस्ट कहां करवाएं. टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक, फिलहाल देश के लैब में ही इसका टेस्ट हो रहा है. अगर, निजी लैब में यह टेस्ट हो रहा है तो उसके फाइनल रिजल्ट के लिए पुणे की लैब में भी सैंपल भेजा जा रहा है. ताकि ये सत्यापित हो सके कि ये एचएमपीवी वायरस ही है. आरटीपीसीआर टेस्ट ही गोल्ड प्लेटेड है, जो रोगी की सांस जैसे नाक की सूजन, गले की सूजन से लिए गए नमूनों से वायरस का पता लगाता है. कुछ मामलों में वायरल कल्चर को लैब में ग्रो किया जा सकता है लेकिन यह टाइम टेकिंग होता है.

एमएमपीवी के बारे में भारत के डॉक्टरों का मानना है कि यह एयरबोर्न है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर फैलता है. अगर आप इंफेक्टेड एरिया में जाते हैं और उसके संपर्क में आते हैं, जहां वायरस थोड़े समय के लिए जीवित रह सकता है, तो आप संक्रमित हो सकते हैं. यह वायरस आरएनए बेस्ड है. फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन नहीं है. इसका एंटी वायरल कोई नहीं है. फिलहाल कोई स्पेसिफिक मेडिसिन भी नहीं है.

कितना खतरनाक है वायरस
चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) 2 साल के कम के बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक है. एक ऐसा वायरस है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. पहली बार इसकी पहचान 2001 में हुई थी. ये वायरस पैरामाइक्सोविरिडे फैमिसी से संबंधित है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) और पैराइन्फ्लुएंजा वायरस जैसे वायरस भी शामिल हैं. HMPV किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. हालांकि, ये सबसे ज्यादा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्राणाली वाले लोगों में ही देखा जाता है. HMPV सांस संबंधी वायरस के साथ कई कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है. खासतौर से ऊपरी और निचले श्वसन मार्ग में संक्रमण पैदा कर सकता है.

संक्रमित होने के कितने दिन में नजर आते हैं लक्षण
कोविड-19 की तरह एचएमपीवी से संक्रमित लोग आमतौर पर लक्षणों की शुरुआत से 1-2 सप्ताह की अवधि के लिए संक्रामक होते हैं. एंटीबॉडी परीक्षण- हालांकि ये एक्यूट इंफेक्शन के लिए उपयोग नहीं होता, इससे पिछले संक्रमणों की पहचान करने में मदद मिल सकती है.

क्या है सरकारी तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पून्या सलिला श्रीवास्तव ने कल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एचएमपीवी को लेकर बैठक की थी. बैठक में भारत में वायरस की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी में बढ़ते मामलों की स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में डॉ राजीव बहल, सचिव (डीएचआर); डॉक्टर अतुल गोयल, डीजीएचएस; राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी के राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ मौजूद थे. बैठक में यह दोहराया गया कि आईडीएसपी के आंकड़े देश में कहीं भी आईएलआई/एसएआरआई मामलों में किसी भी असामान्य वृद्धि को नहीं दर्शाते हैं.

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