अशोक भाटिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में बृहस्पतिवार रात को गिरफ्तार कर लिए गए। यह कार्रवाई दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से केजरीवाल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार के कुछ ही घंटों बाद की गई। ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ से निकले अरविंद केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के मामले में अरेस्ट होंगे इसकी कल्पना उन्होंने आंदोलन के समय कभी नहीं की होगी। लेकिन सच्चाई यही है अब वे गिरफ्तार हो चुके हैं जिसका अंदेशा वे पिछले कुछ महीने से जता रहे थे।
यूं तो केजरीवाल की दो राज्यो में सरकार, तीन राज्यों में महापौर और कई राज्यसभा सदस्य हैं।यह सब उन्होंने 13 साल में ही पा लिया, मगर उनके साथ विवाद भी साए के साथ लगा रहा।विवाद तो उसी समय शुरू हो गया था, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन किया था, 2012 में जब उन्होंने राजनीतिक दल का गठन किया था तो सबसे पहले उनसे दूर होने वालों में अन्ना हजारे ही थे।आम आदमी पार्टी गठन के बाद से जिस तरह आगे बढ़ रही थी, आबकारी घोटाले में पार्टी का ऐसा हश्र होगा किसी ने सोचा भी नहीं था।इस मामले में पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के जेल जाने के बाद अब केजरीवाल की भी गिरफ्तारी हो गई है। आप के मुख्य कर्ताधर्ता व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं।
दरअसल दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों पर नामांकन भी शुरू हो गए है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि विपक्ष के लिए भी एक बड़ा झटका है, जिसे लेकर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही और न्याय संगत बता रही है तो विपक्ष राजनीतिक साजिश करार दे रहा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब सबसे बड़ी चर्चा सियासत में इस बात की हो रही है कि लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और विपक्षी इंडिया गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदर्श आचार संहिता को लेकर ईडी के द्वारा भेजे समन पर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन गुरुवार को उन्हें राहत नहीं मिली, तभी ये बात साफ हो गई कि ईडी उन्हें किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है। आखिरकार देर रात ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच केजरीवाल की गिरफ्तारी को भाजपा और विपक्ष मुद्दा बनाने में जुट गई है।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के साथ-साथ विपक्ष गठबंधन के लिए बड़ा झटका है। बताया जाता है कि इससे आम आदमी पार्टी के लोकसभा कैंपेन पर असर पड़ेगा, क्योंकि पार्टी का चेहरा केजरीवाल हैं। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है।
ऐसे में केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं तो इंडिया गठबंधन के लिए भी बड़ा झटका है। आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और केजरीवाल उसके अहम चेहरा हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी से इंडिया गठबंधन के चुनावी कैंपेन पर असर पड़ेगा, क्योंकि मतदाताओं को लुभाने और उन्हें अपनी तरफ मोड़ने में केजरीवाल माहिर खिलाड़ी है।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उनके समर्थन में लामबंद हो गए तो विपक्षी दलों के नेता भी एकजुट होते नजर आ रहे हैं। आज शुक्रवार दोपहर को विपक्षी नेताओं के महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आगे की लड़ाई की रणनीति बनेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केजरीवाल के परिवार से फोन पर बातचीत की। इसके अलावा राहुल शुक्रवार को केजरीवाल के परिवार से मिलने भी जा सकते हैं।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा और एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज करना भी असुरी शक्ति के लिए कम था, जो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। इंडिया गठबंधन इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी घटक दल के नेता अरविंद केजरीवाल के समर्थन में खड़े हैं। इंडिया ब्लाक में केजरीवाल के अलोचक रहने वाले भी अब उनके साथ खुलकर खड़े हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सियासी जानकारों की माने तो इस मामले में जिस तरीके से कांग्रेस नेता राहुल से लेकर प्रियंका गांधी सहित इंडिया गठबंधन के नेताओं ने त्वरित टिप्पणी के साथ आम आदमी पार्टी का साथ दिया है उससे आने वाले दिनों में सियासत की आंच का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बताया जाता है कि केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन सियासी भविष्य को लेकर अपनी नई रणनीति बना सकता है। केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग ऐसी है, जब लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और नामांकन भी शुरू हो गए हैं। ऐसे में विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ आक्रमक होने का एक मौका दे दिया है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे बनाने की दांव चलेगा।
इंडिया गठबंधन इस बहाने यह कोशिश होगी कि जनता के बीच पीड़ित बनकर सहानुभूति हासिल करने की है। इससे एक बात साफ है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को भुनाकर चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करेगा। आम आदमी पार्टी ने जिस तरह मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी को भुनाया गया था, उसी तरह से विपक्षी दल केजरीवाल की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो विपक्षी गठबंधन केजरीवाल की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाने में जुट गया है। इंडिया गठबंधन अरविंद केजरीवाल की इस गिरफ्तारी को देश के अलग-अलग राज्यों की जनता के बीच में लेकर जा सकती है, जिसके बहाने मोदी सरकार और भाजपा को घेरने की कवायद करते नजर आ सकते हैं। इंडिया गठबंधन के नेता अगर यह बताने में सफल हो जाते हैं कि केजरीवाल या विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश तहत मोदी सरकार करा रही है तो उसका फायदा मिल सकता है। अगर विपक्षी गठबंधन के नेता ऐसा करने में फेल होती है तो उनको बड़ा सियासी नुकसान भी हो सकता है।
अरविंद केजरीवाल इंडिया गठबंधन के वो नेता हैं, जो भाजपा को सीधे चुनौती देने वाले नेता माने जाते हैं। दिल्ली के 3 विधानसभा चुनाव, एमसीडी और चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा को केजरीवाल मात दे चुके हैं। मोदी लहर में भाजपा एक ओर जहां कांग्रेस और विपक्ष के दूसरे दलों के किले को फतह करने में सफल रही है, लेकिन वहीं दिल्ली में केजरीवाल से पार नहीं पा सकी। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के चाणक्य कहे जाते हैं तो भाजपा को मात देने की कला बाखूबी जानते हैं। भाजपा और मोदी सरकार को केजरीवाल मजबूती से तर्कों के साथ घेरते हैं, चाहे चुनावी रैलियों हो या फिर मीडिया।
दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की जनता की सियासी नब्ज को समझने वाले नेताओं में केजरीवाल को गिना जाता हैं। दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाकर दिखा चुके हैं। ऐसे में केजरीवाल की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन के मिशन 2024 के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इंडिया ब्लॉक में शामिल झारखंड के सीएम रहे हेमंत सोरेन पहले ही जेल में है। सोरेन भी गठबंधन के बड़े चेहरे हैं और झारखंड में भाजपा को मात देकर सरकार बनाई थी। इंडिया गठबंधन के दो बड़े नेता और दोनों ही भाजपा को मात देने में सफल रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी इंडिया गठबंधन की सियासत पर असर डाल सकती है।
आम आदमी पार्टी के साथ-साथ इंडिया गठबंधन भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर मुद्दा बनाना और भाजपा को घेरने में जुटी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को सहानुभूति में तब्दील करने की कोशिश इंडिया गठबंधन कर रही है, जिसे मोदी सरकार की साजिश बता रही है। आम आदमी पार्टी से लेकर पूरा विपक्ष इंडिया गठबंधन सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर ले रही और जमकर घेर रही है। विपक्ष ये बताने की कोशिश कर रहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी सिर्फ चुनाव से उन्हें रोकने के लिए की जा रही है, क्योंकि भाजपा डर रही है।
आप के नेता यह बता रहे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इसीलिए की गई है ताकि दिल्ली में मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त तीर्थयात्रा और मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएं। इस तरह लोगों की सहानुभूति बटोरना चाहती है। हालांकि, मौजूदा परिस्थितियां सियासी लिहाज से कितना समर्थन जुटा पाएगी, यह कहना मुश्किल है। आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता पहले से ही जेल में हैं और ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनकी पार्टी किसी ऐसी रणनीतियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के नेता भले ही केजरीवाल की गिरफ्तारी को साजिश बता रहे हों, लेकिन भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति बता रही है। भाजपा नेता केजरीवाल की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताने में जुटी है। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां पीएम मोदी के कार्यकाल में निष्पक्षता, दृढ़ता और स्वतंत्रता के साथ काम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार अपनी चुनावी जनसभा से लेकर संसद तक में भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अपनी सरकार की लड़ाई जारी रखने का आह्वान करते रहे हैं। पीएम मोदी कह चुके हैं कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा और केंद्रीय एजेंसियों को ऐसे लोगों पर कार्रवाई की खुली छूट है। भाजपा यह बताने में जुटी है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पूरी तरह न्याय संगत है।
केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी को विपक्ष मुद्दा बनाता रहा है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इसे चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के नाम पर सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर ही नकेल कसती जा रही है। विपक्ष यह बात कहता रहा है कि भाजपा ऐसी वाशिंग मशीन है, जो भी दागदार नेता उसकी पार्टी में शामिल हो जाता है, वो पाक-साफ हो जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी यह कह चुके हैं कि विपक्ष के 95 फीसदी नेताओं पर ईडी और सीबीआई का केस दर्ज हुआ है, लेकिन जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं उसका दाग धुल कर साफ कर दिया जाता है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी से लेकर विपक्ष नेता यह बात सवाल खड़े कर रहे हैं कि भाजपा नेता असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मामला है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इसी तरह एनसीपी प्रमुख अजीत पवार का मामला भी उठाया कि उनके खिलाफ भी मामले हैं, लेकिन भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, इसीलिए कोई एक्शन नहीं।
संदीप दीक्षित ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस के खाते फ्रीज कर दिया जाता और केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाता, लेकिन भाजपा और एनडीए नेताओं पर क्यों एक्शन नहीं। भाजपा के खिलाफ वाशिंग मशीन का नैरेटिव को विपक्ष सेट करने में जुटा है। ऐसे में एक माहौल बनाया जा रहा है कि इस तरह की सभी कार्रवाई विपक्ष के नेताओं के ही खिलाफ हो रही है, लेकिन सियासी फायदा क्या मिलता है, यह तो चुनाव में ही पता चलेगा? अभी तो केजरीवाल के वकील उच्चतम न्यायालय में केजरीवाल को छुड़ाने में लगे है और कार्यकर्त्ता सडकों में आन्दोलन करने में । केजरीवाल के वकील चाहते है कि सुनवाई आज ही हो जाए क्योकि इसके बाद उच्चतम न्यायालय की होली की छुट्टी होने जा रही है ।