सभासदो ने अधिशाषी अधिकारी, लिपिक व चेयरमैन के खिलाफ खोला मोर्चा

जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, लगाए गंभीर आरोप, जांच पूरी ना होने तक किया बोर्ड बैठक से बहिष्कार

हैदरगढ़ बाराबंकी। नगर पंचायत सुबेहा के वार्डो में कराए गए विकास कार्यो में हुए जमकर भ्रष्टाचार व सरकारी धन का बंदरबांट के खिलाफ नगर के वार्ड सभासदों ने अधिशाषी अधिकारी, लिपिक व चेयरमैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभासद्ो ने उक्त सभी पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर सरकारी धन का दुरूपयोग करने वाले दोषियो पर कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार से मिलकर लिखित शिकायती पत्र दिया है। वही जांच पूरी ना हो जाने तक सभासदो ने नगर में होने वाली बोर्ड़ बैठक से बहिष्कार किया हैं।

जानकारी के अनुसार जब से नगर पंचायत सुबेहा की कमान नवागत अधिशाषी अधिकारी ने संभाली है उसके बाद से नगर में भ्रष्टचार की मानो बाढ़ सी आ गई हो। वार्ड में जो भी कार्य कराए गए वह एक दम मानक विहीन रहा नागरिको की शिकायत के उपरांत भी कार्यवाही तो दूर मौके पर कार्य कोई देखने तक नही गया। उधर जेई मानको की अनदेखी करते हुए दर्जनो अनफिट कार्यो पर फिट की मुहर लगाते हुए ठेकेदार का हौसला बुलंद करते रहें। वार्ड सभासदो ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि नगर पंचायत में जितने भी कार्य विगत वर्षो में कराए गए है उन सभी कार्यो का यदि बारीकी से जांच पड़ताल कराई जाएं तो जेई और अधिशाषी अधिकारी की पोल खुलने में देर नही लगेगी। सभासद का कहना है कि नगर पंचायत में कुल 14 वार्ड है, लेकिन इसमें से 10 वार्ड के सभासद् और प्रतिनिधि चेयरमैन अधिशाषी अधिकारी व लिपिक की भ्रष्ट कार्यशैली से नाखुश है जो खुलकर विरोध करते है। शुक्रवार को सभी सभासद् जिलाजिधकारी बाराबंकी से मिलकर नगर के वार्डो में कराए गए विकास कार्यो की जांच कराए जाने की मांग किया है।

जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में सभसदो ने कहा है कि नगर में जो भी विकास कार्य कराए गए उसमे जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। आरोप है की नगर पंचायत में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत शासन से स्वीकृत करोड़ों रुपए की धनराशि का बंदर बांट किया जा रहा है। जल निकासी हेतु वार्ड में कराए जाने वाले नाला निर्माण में जमकर अनियमितता बरती गई हैं। सभासद्ो ने कहा कि कमीशन बाजी के चक्कर में मनचाहे ठेकेदार को समस्त ठेका देकर मानक विहीन तरीके से नाला निर्माण करावाया गया। बोर्ड बैठक में जिन कार्यों का प्रस्ताव दिया गया उसको पारित न करके बिना सभासद की सहमति व कार्यवाही रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर मनमानी तरीके से प्रस्ताव पारित कर बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। इसके अलावा नियमित तरीके से वार्ड की साफ सफाई भी नही कराई जाती है और कूड़े का उठान भी नही किया जाता है। नगर में कार्य करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारी की संख्या कम रहती है लेकिन कागज पर अधिक दिखाकर उनके वेतन के नाम पर हर माह लाखो रुपए का वारा न्यारा किया जाता है। सभासदो ने नगर पंचायत में करोड़ों रुपए गबन की जांच पूरी न हो जाने तक बोर्ड की बैठक में भाग लेने से इंकार कर दिया है और यह भी कहा की यदि किसी प्रस्ताव पर हम सभी के हस्ताक्षर पाए जाते है तो उसे अवैध माना जाय। जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन के मौके पर मुख्य रूप से सभासद केतार बाबू मौर्य, सभासद प्रदीप गुप्ता, सभासद जय प्रकाश, सभासद विशाल निषाद, सभासद पति रिजवान खां, गिरजा रावत, महेंद्र मौर्या, रामसूरत, कफील अहमद आदि लोग मौजूद रहे।

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