सीतापुर ।
रीति, नीति, परंपरा ही सामाजिक ढांचा है। अगर यह मिट गया तो अव्यवस्था संस्कृति नष्ट हो जाती है। रोम, मिश्र, मेसोपोटामिया की सभ्यताएं इसीलिए मिट गईं क्योंकि उन्होंने रीति, नीति, परंपरा को कायम नहीं रखा। यह बात मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय पर मिलन कार्यक्रम में मुख्यवक्ता विभाग प्रचारक अभिषेक ने कही। उन्होंने कहा कि होली सामाजिक समरसता का पर्व है। देखने में आ रहा है कि कुछ लोग इस पर्व की रीति नीति के विपरीत कार्य कर रहे हैं। श्रीराम ने जब 14वर्ष के वनवास काल में कोल, भील, किरात, निषाद को अपनाया तब वह भगवान बने। अगर वह ऐसा न करते तो केवल राजा राम ही कहे जाते। हमें भी यही करना चाहिए। पर्व परंपराएं केवल कर्मकांड बनकर न रह जाएं इसका ध्यान रखते हुए पर्व मनाना चाहिए नहीं तो वही तीन रीति, नीति, परंपराएं मिट जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस मौके पर जिला संघचालक उमाकांत, सह जिला संघचालक राकेश, नगर संघचालक विनय, सह नगर संघचालक वासुदेव, प्रांत पर्यावरण प्रमुख विष्णु दत्त, विभाग कार्यवाह कृष्ण कुमार, जिला कार्यवाह आशीष, जिला प्रचारक पंकज, नगर प्रचारक मनोज, जिला प्रचार प्रमुख सचिन, जिला सेवा प्रमुख ज्योतिशंकर, सह जिला शरीरिक प्रमुख जन्मेजय, जिला विमर्श प्रमुख प्रभात अग्निहोत्री, विभाग धर्म प्रचार प्रमुख रज्जन, कृष्णांश, आयुष, बुद्धिप्रकाश डोडेजा, खेमचंद्र डोडेजा, एमएलसी पवन सिंह, नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू, नगर पालिका अध्यक्ष नेहा अवस्थी, नमींद्र अवस्थी, भाजपा महामंत्री विश्रााम सागर राठौर, अनूप खेतान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।