देश आज महान राष्ट्रवादी तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की जन्म जयंती मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय साहित्य में सुब्रमण्यम भारती के रचनात्मक योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय साहित्य और संस्कृति के लिए, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और तमिलनाडु के लिए गौरव का दिवस है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है. उन्होंने इस दौरान 21 खंडों में सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं के ग्रंथ का भी विमोचन किया
इस मौके पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के दिन 21 खंडों में सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं का प्रकाशन सेवा यज्ञ के समान है. यह कार्य छह दशकों की मेहनत का नतीजा है यह कार्य समर्पण भाव से ही संपन्न हो सका है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को महाकवि सुब्रमण्यम भारती की समग्र रचनाओं से बड़ा लाभ मिलने वाला है
राष्ट्रीय चेतना के महाकवि थे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं में राष्ट्रीय चेतना प्रखरता से मौजूद हैं. वो ऐसे महान मनीषी थे, जो देश की जरूरतों को देखते हुए काम करते थे. महाकवि का विजन बहुत व्यापक था पीएम मोदी ने कहा कि महाकवि ने हर उस दिशा में काम किया, उस दौर में देश को जिसकी जरूरत थी उन्होंने कहा कि भारती केवल तमिलनाडु और तमिल भाषा की ही धरोहर नहीं है, वो एक ऐसे विचारक थे जिनकी हर सांस मां भारती की सेवा के लिए समर्पित थी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सालों बाद आज भी सुब्रमण्यम भारती का चिंतन, उनकी मेधा, उनका बहु-आयामी व्यक्तित्व हर किसी को हैरान कर देता है उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम भारती ने साहित्य के साथ साथ पत्रकारिता की भी सेवा की और तमिल भाषा के विकास में अहम योगदान दिया है
सभी भारतीय भाषाओं का करें सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि तमिल भारत की प्राचीनतम भाषा है, इसमें लिखे साहित्य का अहम योगदान है उन्होंने कहा किहम भारतीयों को सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करना चाहिए उससे सीखना चाहिए
आपको बता दें कि महान तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती का जन्म 11 दिसंबर सन् 1882 में हुआ था और निधन महज 38 साल की उम्र में 12 सितंबर को साल 1921 को हो गया था साहित्य जगत में उनके योगदान को देखते हुए उनको महाकवि भारतियार भी कहा गया है उनकी ख्याति कविताओं में राष्ट्रवादी चेतना के लिए रही है. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था