रांची । झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने तथा एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित सांसद निशिकांत दुबे की अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार एवं प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन देवघर डीसी के निर्देश पर देवघर एयरपोर्ट के आसपास के जो सात ऊंचे भवन टूटने हैं उनके नफा-नुकसान की जांच-पड़ताल के लिए नियुक्त असेसर ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। असेसर ने सात बिल्डिंगों की मापी कर उन मकानों के क्षतिग्रस्त होने से मकान मालिकों को मिलने वाले मुआवजा राशि निर्धारित किया है। इनमें से पांच मकान के मालिकों ने असेसर द्वारा निर्धारित किए गए मुआवजा पर अपनी सहमति दे दी है लेकिन दो मकान के मालिकों ने मुआवजा राशि पर आपत्ति जताते हुए उसमें बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की। पूर्व की सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास की सात ऊंची बिल्डिंग को तोड़ा जाना है। इन भवनों के मालिकों को कितना नफा-नुकसान होगा, इसका भी आकलन जरूरी है ताकि उन्हें सही मुआवजा मिल सके। इस पर कोर्ट ने देवघर डीसी को असेसर नियुक्त करने का निर्देश दिया था।