पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग सिर्फ एंडोमेट्रियोसिस का संकेत नहीं…

नई दिल्ली। मार्च एंडोमेट्रियोसिस अवेयनेस मंथ की तरह मनाया जाता है। इस पूरे महीने, लोगों को इस बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है, ताकि इस गंभीर कंडिशन से जुड़े टैबू को खत्म किया जा सके और इससे पीड़ित महिलाओं के लिए एक बेहतर और सपोर्टिव समाज का निर्माण किया जा सके।

एंडोमेट्रियोसिस उस कंडिशन को कहते हैं, जब यूटेरस की भीतरी लाइनिंग जैसे टिश्यू पेल्विक रीजन के अन्य भागों में भी बनने शुरू हो जाते हैं। एंडोमेट्रियम जैसे टिश्यू यूटेरस के बाहर भी ग्रो करने की वजह से काफी दर्द सहना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान, यह समस्या और कष्टदायक हो जाती है क्योंकि ये टिश्यू हार्मोन सेंसिटिव होते हैं, जिस वजह से माहवारी के समय इनमें इंफ्लेमेशन यानी सूजन हो जाती है। इन टिश्यू में सूजन की वजह से पीरियड्स के दौरान काफी दर्द होता है।

इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन डॉक्टर की मदद से इसके लक्षणों को कम कर, जीवनस्तर को सुधारा जा सकता है। इसके लक्षण इतने साधारण होते हैं कि कई बार महिलाएं समझ भी नहीं पाती हैं कि उनके शरीर के साथ कोई समस्या है या ये परेशानियां क्यों हो रही हैं।

इसके लक्षणों में एक बेहद आम लक्षण है, पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग होना, लेकिन कुछ महिलाओं को सामान्यतौर पर भी अधिक ब्लीडिंग होती है, तो क्या इसे एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण मानना चाहिए या नहीं? इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमने कुछ एक्सपर्ट्स से बात की, जिनसे हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना या इर्रेगुलर ब्लीडिंग एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है।

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