🙏🏻जय माता दी!🙏🏻
इस वर्ष गुरुवार, 3 अक्टूब से 12 अक्टूबर तक देश में शारदीय नवरात्रि की धूम रहेगी। इन पावन दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है, और मां की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी किए जाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और अखंड ज्योत जलाई जाती है।
मॉ दुर्गा प्राणियों की शक्ति एवं परिवर्तन की प्रेरक हैं, नवरात्रि को परम शक्ति की साधना का पर्व भी कहा जाता है। हर स्त्री में दुर्गा है, इसलिए एक आम स्त्री भी देवी मॉ की तरह विभिन्न रूप धारणकर अनेक भूमिकाएं निभाती हैं । उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के संकट की घड़ी में मॉ दुर्गा हमें अपने विकारों और विचारों को शुद्ध करने का अवसर और शक्ति देगी। अतः नवरात्रि के इस अवसर पर साधना के माध्यम से हम मॉ दुर्गा से संकट मिटाने और जीवन में सुख समृद्धि और सुरक्षा लाने का वरदान मॉग सकते हैं।
आज माता शैलपुत्री स्वरूप की होगी आराधना
शारदीय नवरात्र के पहले दिन जगत जननी स्वारूपा मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है. माता पार्वती को शैलपुत्री कहा जाता है. क्योंकि उनके पिता पर्वतराज हिमालय हैं. मां शैलपुत्री बैल में सवार होती हैं. उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ कमल का फूल होता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा-आराधना से जीवन में स्थिरता और ढृढ़ता आती है. मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं ज्यादा पसंद हैं. इसलिए उन्हें सफेद वस्त्र या पुष्प अर्पण करें.
शेर पर सवार होकर आईं मां अंबे,सभी के लिए लाईं खुशियों का वरदान
घर-घर में विराजी अंबे मां, सबकी जगदंबे मां।
🙏जय माता दी!🙏🚩🚩
शारदीय नवरात्रि 2024 की शुभकामनाएं.
शरद कुमार सिन्हा
समूह सम्पादक
हिंदी दैनिक, निष्पक्ष प्रतिदिन