Hathras : सत्संग हादसे में नारायण साकार हरि को आयोग ने दी, क्लीन चिट !

Hathras News : हाथरस में हुए दुखद सत्संग हादसे के मामले में नारायण साकार हरि को क्लीन चिट दी गई है। यह हादसा 2023 में हाथरस के एक धार्मिक आयोजन के दौरान हुआ था, जब भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। हादसा उस समय हुआ था जब बड़ी संख्या में लोग सत्संग के लिए एकत्रित हुए थे और अचानक भगदड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई। मामले की जांच के बाद, जांच एजेंसियों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि हादसा भगदड़ की वजह से हुआ था और इसमें किसी तरह की लापरवाही या कोई जानबूझकर कार्य नहीं था। नारायण साकार हरि, जो कि आयोजन के प्रमुख थे, को पूरी तरह से निर्दोष माना गया और उन्हें क्लीन चिट दी गई।

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हालांकि, इस हादसे ने सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया, और अब इस तरह के आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। सरकार और प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने की योजना बनाई है। पिछले वर्ष दो जुलाई को सिकंदराराऊ तहसील के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत की घटना ने हाथरस ही नहीं, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। अब इस मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में नारायण साकार हरि को क्लीन चिट मिलने के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है।

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गौरतलब है कि इस हादसे में 250 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। हादसे के बाद करीब दो महीने तक देश भर में सियासी सरगर्मियां उफान पर रही थीं। दो जुलाई को सत्संग के समापन के बाद जब भोले बाबा के काफिला निकलने लगा तो उनके अनुयायाी उनकी चरण धूल लेने के लिए बढ़े। इस दौरान भगदड़ और अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ के बीच हाईवे के सहारे के कीचड़ से भरे खेत में काफी लोग गिर गए और उनके ऊपर से भीड़ गुजर गई। हादसे के बाद मची चीख-पुकार बीच अफरा-तफरी भरे माहौल में शवों व घायलों को सिकंदराराऊ के ट्राॅमा सेंटर और एटा के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक थी।

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हादसे की जांच के लिए मंडलायुक्त अलीगढ़ चैत्रा वी की अगुवाई में जांच समिति गठित की गई थी। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एसडीएम, तहसीलदार, सीओ और एसएचओ समेत छह अफसरों को जिम्मेदार मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था। इस मामले की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया था। यहां तक कि 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने एक अक्तूबर को न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। 3200 पेज की इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इधर, इस मामले में न्यायिक आयोग ने करीब 500 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। इनमें तत्कालीन डीएम, एसपी सहित कई अधिकारी, आयोजक और सत्संग की व्यवस्था से जुड़े अन्य लोग शामिल हैं।

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