हरियाणा : अनुभवी व युवा चेहराेंको मेल है नायब सरकार

चंडीगढ़। हरियाणा में गुरुवार काे शपथ ग्रहण समाराेह के साथ ही नई सरकार का गठन भी हाे गया है। नई सरकार में कई युवा चेहरे हैं ताे कई अनुभवी चेहरे शामिल हैं। इसमें सात बार के विधायक अनिल विज और पहली बार विधायक बनीं श्रुति चौधरी के अलावा किरण राव को मंत्री बनाया गया है।

अनिल विज: अंबाला छावनी विधानसभा हलके से सातवीं बार विधायक बने अनिल विज को राजनीति का लंबा अनुभव है। दस साल के मनोहर लाल कार्यकाल में अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। मनोहर सरकार में गृह, स्वास्थ्य तथा खेलकूद विभागों में मंत्री रह चुके हैं।

कृष्ण लाल पंवार: इसराना से विधायक कृष्ण लाल पंवार भाजपा सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। इससे पहले मनोहर सरकार में पंवार परिवहन मंत्री रह चुके हैं। इनेलो की पृष्ठभूमि वाले पंवार कई बार विधायक व मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में राज्य सभा के सांसद से थे। विधायक बनने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दिया तो उनके मंत्री बनने की अटकलें शुरू हो गई थी।

राव नरबीर:दक्षिण हरियाणा की राजनीति में बड़ा नाम है। राजनीतिक रूप से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के विरोधी हैं। वर्ष 1987 में जाटूसाना विधानसभा हलके से चुनाव लडक़र जीते। वर्ष 1996 में चुनाव जीतकर भारत के सबसे कम उम्र के गृहराज्य मंत्री बनने का गौरव हासिल किया। लोकदल, विकास पार्टी, कांग्रेस, भाजपा, हजकां से होते हुए 2014 में भाजपा की टिकट पर बादशाहपुर से चुनाव लड़े और जीतने के बाद मनोहर सरकार में लोक निर्माण मंत्री बने। सडक़ मरम्मत के लिए हरपथ एप शुरू करके चर्चा में आ। अब चुनाव जीतकर नायब सरकार में मंत्री बने।

महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण विधानसभा हलके से लगातार तीसरी बार विधायक बने महिपाल ढांडा नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। लंबे समय तक संगठन में भी सक्रिय रहे। भाजपा किसान मोर्चा में अहम जिम्मेदारी निभाई। जीटी रोड बैलेट पर जाट समुदाय में युवा नेता के रूप में अच्छी पहचान है। नायब सैनी ने दूसरी बार विश्वास जताकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है।

विपुल गोयल: विपुल गोयल वैश्य समुदाय का चर्चित चेहरा हैं। भाजपा के संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। वर्ष 2014 में फरीदाबाद से विधायक बने। 3 मार्च 2015 को सबसे उंचा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम आयोजित करके सुर्खियों में आए। वर्ष 2016 में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मनोहर सरकार में उद्योग, वाणिज्य तथा पर्यावरण मंत्री बने।

अरविंद शर्मा: गोहाना से विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे अरविंद शर्मा को राजनीति का लंबा अनुभव है। मूल रूप से झज्जर जिला के रहने वाले अरविंद शर्मा करनाल व रोहतक से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी में रहने के बाद वर्ष 2019 में भाजपा में शामिल हुए। हालही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान रोहतक से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा परंतु हार गए। इसके बाद भाजपा ने गोहाना से विधानसभा चुनाव लड़वाया और यहां से जीत गए।

श्याम सिंह राणा: रादौर से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने श्याम सिंह राणा मनोहर लाल सरकार में खेल विभाग के मुख्य संसदीय सचिव रह चुके हैं। वर्ष 2009 से भाजपा की राजनीति में सक्रिय श्याम सिंह राणा ने 2019 में टिकट कटने से नाराज होकर भाजपा छोडक़र इनेलो ज्वाइन की। इनेलो ने इस चुनाव में उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था लेकिन नायब सैनी से मित्रता के चलते ऐन मौके पर टिकट लौटाकर भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीतने के बाद आज मंत्री बन गए।

रणबीर गंगवा: बरवाला से विधायक का चुनाव जीतकर पहुंचे रणबीर गंगवा वर्ष 2019 में नलवा से चुनाव जीतकर मनोहर सरकार में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। इससे पहले इनेलो में रहते हुए वह विधायक व राज्य सभा के सांसद भी रह चुके हैं।

कृष्ण बेदी: कृष्ण बेदी भाजपा का दलित चेहरा हैं। वर्ष 2014 में शाहबाद से चुनाव जीतकर मनोहर सरकार में राज्य मंत्री बने। वर्ष 2019 में चुनाव हारने पर पावर बैलेंस के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राजनीतिक सलाहकार बनाया। हालिया चुनाव में पार्टी ने हलका बदलकर जींद जिले की नरवाना सीट से लड़वाया और वहां पर जाकर कृष्ण बेदी चुनाव जीत गए।

श्रुति चौधरी: नायब सरकार में मंत्री श्रुति चौधरी लंबे समय तक कांग्रेस में रही। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मां किरण चौधरी के साथ भाजपा में शामिल हुई। श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रह चुकी हैं। पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री बनने में कामयाब रही। चुनाव के दौरान चचेरे भाई के साथ मुकाबला था। पूर्व सीएम बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को अब आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय होंगी।

आरती राव: आरती राव केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं। आरती राव कड़े मुकाबले में अटेली विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। लंबे समय तक अपना अलग मंच बनाकर सक्रिय रही अब नायब सरकार में मंत्री बनकर दक्षिण हरियाणा में पिता की राजनीतिक विरातस को आगे बढ़ाएंगी।

राजेश नागर: वर्ष 2014 में वह पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े, उस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में ललित नागर ने उन्हें पराजित किया। इसके बाद 2019 में भाजपा ने उन्हें फिर टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने कांग्रेस विधायक ललित नागर को पराजित करके पहली जीत हासिल की। 2024 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने फिर उन पर विश्वास जताया और टिकट देकर चुनावी रण मे उतारा, इस बार कांग्रेस से बागी हुए ललित नागर को उन्होंने करीब 37 हजार वोटों के अंतर से हराकर जीत अर्जित की। गुर्जर समाज से ताल्लुक रखने वाले राजेश नागर को नायब सरकार-2 में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।

गौरव गौतम: पलवल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता कर्ण दलाल को हराकर विधानसभा पहुंचे गौरव गौतम भी नायब मंत्रिमंडल में जगह पाने में कामयाब हो गए हैं। एम.ए. मास कॉम पास गौरव गौतम पहली बार विधायक बने हैं। संगठन की राजनीति में सक्रिय गौरव गौतम कई मंत्रियों एवं संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम कर चुके हैं।

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