हनुमान जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करना बहुत शुभ व फलदाई माना गया

बरेली। ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है। ज्येष्ठ के माह में आने वाले सभी मंगलवार को भक्त बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जानते हैं। इन मंगल में हनुमान जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करना बहुत शुभ व फलदाई माना गया है। पंडित राजीव शर्मा बताते है कि ज्येष्ठ के मंगल में हनुमान चालीस, हनुमानष्टक, बजरंगम बाण, मंत्र जाप, सुंदर कांड का पाठ करने से बीमारियों की मुक्ति के साथ हनुमान जी की कृपा बरसती है।

पहला मंगल (28 मई) : पहला बड़ा मंगल पंचमी तिथि को पड़ रहा है, जोकि सभी कार्य सिद्ध करने वाली होती है। इस तिथि में कार्य करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते है। इस दिन उषा नक्षत्र एवं ब्रह्म योग का भी संयोग है।-

दूसरा मंगल (4 जून) : ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल भौम प्रदोष का शुभ संयोग के साथ भरणी नक्षत्र है, इस दिन हनुमान जी की स्तुति करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी। इस दिन की विशेष बात यह है कि जो लोग कर्ज से परेशान हैं वह इस दिन से हनुमान जी को मीठे पुए का भोग लगाएं एवं ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करें।

तीसरा मंगल (11 जून) : तृतीय तिथि मंगल श्रुति पंचमी में है। यह तिथि भी पूर्णा तिथि होने के कारण हनुमान जी की पूजा पाठ आदि करने से भक्तों को अभिष्ट की प्राप्ति होती है, जो लोग ज्यादा बीमार रहते हों वह हनुमान बाहुक का पाठ करें।

चौथा मंगल (18 जून) : चौथा बड़ा मंगल निर्जला एकादशी पर है। यह दिन कई मनोरथ सिद्ध करने का दिन है। इस दिन त्रिपुष्कर योग का भी बहुत अच्छा संयोग है। एकादशी तिथि नंदा तिथि मानी जाती है, यह सभी कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा पाठ करने से विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

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