यह विद्यालय दुनिया के किसी भी विद्यालय से कमतर नहीं होगा – सकेत मिश्र
सीतापुर । ‘गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल’ सीबीएसई बोर्ड का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मुनेंद्र अवस्थी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ | प्राचीन व नवीन शिक्षा का मिश्रण इस गुरुकुल शिक्षा पद्धति की विशेषता है | आपको ज्ञात होगा इस गुरुकुल विद्या का उद्घाटन 3 नवंबर , 4 नवम्बर व 5 नवंबर को प्रमुख शिक्षाविद डॉ श्याम सुंदर मिश्र ‘मधुप’ की जन्म शताब्दी वर्ष में काम कोटि पीठ के शंकराचार्य पूज्य विजेंद्र सरस्वती के द्वारा किया गया था | इस गुरुकुल विद्या का कॉन्सेप्ट नैमिषारण्य तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर सकेत मिश्र के बड़े पुत्र तत्पर मिश्र ने तैयार किया है, जो आईआईटी और आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक हैं | इनके साथ अन्य कई आईआईटी आईआईएम एवं पर्यावरण विदो ने मिलकर इसकी रूपरेखा तैयार की है |
इसमें प्रमुख अमित केसरवानी आईआईटी दिल्ली जिन्होंने कम उम्र में ही ‘नरोत्तम फाउंडेशन’ की आधारशिला रखकर पूरे विश्व में सम्मान पा रहे है | अभी हाल ही मे लंदन मे इनको एक संस्था के द्वारा सम्मानित किया गया| इसके अलावा इसमें तत्सत मिश्र, (एनआईटी जयपुर) मेघा मिश्र, (आईआईटी दिल्ली) एवम ईशान त्रिपाठी (आईआईटी रोपड़) शामिल हैं इन्होंने गुरुकुल क्यों ? का कॉन्सेप्ट तयार किया है जिसमे विस्तार से सभी चीजे समझाई गई है | संक्षेप में हम कह सकते हैं कि आज की इस आपाधापी की दौड़ में जब अभिभावक अपने बच्चों की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे हैं | बच्चों का मनोविज्ञान नहीं समझ पा रहे हैं| बच्चे मोबाइल की दुनिया का अंधानुकरण कर रहे हैं अपने आप को समाप्त कर रहे हैं ऐसे मे इन लोगो ने बच्चो का मनोविज्ञान समझकर ‘आहार ही औषधि है’ का कॉन्सेप्ट रखकर बच्चों की सेहत, मनोभाव को पढ़कर शिक्षा प्रदान की जाएगी |
बच्चे एक बार फिर अपनी संस्कार, शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति की तरफ लौटे व अपने गौरवशाली इतिहास का अनुसरण करें | निर्विघ्न रूप से आगे बढ़े तथा उनमें स्वतंत्रता, समता, बंधुता, समाज जीवन के मूल सिद्धांतों को गढ़े जिस से एक बार फिर भारत विश्व गुरु की तरफ बढ़ सके | बच्चे बिना दबाव के माहौल में खेल खेल मे आगे बढ़े| इसमें पर्यावरण से लेकर प्रौद्योगिकी तक की शिक्षा दी जाएगी | वेद से विज्ञान तक का सफर यह गुरुकुल तय करेगा| यह गुरुकुल खेत खलिहान फसले पर्यावरण को लेकर आगे बढ़ेगा | इसमें प्रातः 1 घंटे की प्रार्थना के समय अपने सभी धार्मिक ग्रंथो का पाठ कर, हवन पूजन के तदुपरांत ही क्लास में बच्चा जाएगा तथा साथ ही साथ उसकी शिक्षा भी पूर्णतया अंग्रेजी माध्यम से दी जाएगी अर्थात ट्रेडिसन विद इनोवेशन की परंपरा का गुरुकुल अनुसरण करेगा | इसमें रिश्ते नातों को प्रमुखता देकर प्राचीन संस्कारों से युक्त बच्चों का निर्माण होगा |
इस गुरुकुल से बच्चे के निकलने के उपरांत यह गारंटी दी जाती है की बच्चों को आईआईटी आईआईएम के लिए किसी भी कोचिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी | बच्चा स्वतः अपनी क्षमता अनुसार सिलेक्ट होगा | इसमें संगीत, अभिनय, गायन, नृत्य के अलावा 50 % पढ़ाई एवं 50% खेल की अवधारणा के साथ तैयार किया गया है | इसमें गुरु परंपरा से प्रशिक्षित शिक्षकों का ही चयन किया जाएगा| यहां हॉस्टल की भी सुविधा प्रदान की गई है | नैमिषारण्य तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर सकेत मिश्रा ने बताया कि यह विद्यालय दुनिया के किसी भी विद्यालय से कमतर नहीं होगा | उन्होंने बताया कि सीतापुर के बच्चों के निर्माण के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में सभी ब्लॉक व तहसीलों में गुरुकुल का निर्माण किया जाएगा| राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जो बच्चों को 1300 कैलोरी प्रदान करने की बात कही गई है गुरुकुल इस परंपरा का अनुसरण करते हुए बच्चों को सुबह नाश्ते से लेकर के दोपहर का भोजन तथा शाम को खाने की व्यवस्था भी उसी के अनुसार करेगा |