नई दिल्ली। सनातन धर्म में नवरात्र के पर्व का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। भक्त नौ दिनों और नौ रातों के दौरान बड़ी भक्ति और समर्पण के साथ देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और इस दौरान सख्त उपवास का पालन करते हैं। नवरात्र एक साल में चार बार आते हैं – चैत्र और शारदीय नवरात्र प्रसिद्ध हैं, लेकिन माघ और आषाढ़ के नवरात्र बेहद गुप्त हैं, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस साल इस महापर्व की शुरुआत 10 फरवरी, 2024 यानी आज से हो गई है।
गुप्त नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ 10 फरवरी, 2024 – प्रात: 04:28
- प्रतिपदा तिथि समाप्त 11 फरवरी, 2024 – दोपहर 12:47
- मीना लग्न प्रारम्भ 10 फरवरी, 2024 प्रातः 08:09 बजे
- मीना लग्न समाप्त फरवरी 10, 2024 -प्रातः 09:43
- घटस्थापना मुहूर्त 10 फरवरी, 2024 – सुबह 08:09 बजे से 09:43 बजे तक।
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त 10 फरवरी, 2024 – सुबह 11:38 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक।
- 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से होती है पूजा
हिंदुओं के बीच नवरात्र का बड़ा महत्व है। इस दिन साधक उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा के 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना करते हैं। गुप्त नवरात्र में इनकी पूजा सबसे अधिक की जाती है। सभी साधक और तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए इन देवियों की पूजा करते हैं, क्योंकि यह समय तंत्र साधना करने और अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।
ऐसे करें गुप्त नवरात्र के दौरान पूजा
साधक प्रात: जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के बाद पहले दिन घटस्थापना करें। दीया जलाएं और फूल-माला, शृंगार का सामान चढ़ाएं। घर में बनी हुई मिठाइयों का भोग ही लगाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करके देवी दुर्गा की पूजा करें।
दुर्गा देवी के मंत्रों का जाप करें, जो भक्त व्रत रख रहे हैं वे पूरी श्रद्धा के साथ सभी पूजा अनुष्ठान को पूरा करें। ऐसा करने से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।