नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए दिल्ली सरकार को दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत न्यायिक अधिकारियों समेत अन्य के लिए आवासीय परिसरों का निर्माण कराने, जिला स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति और अस्थायी रूप से कोर्ट रूम बनाने का प्रविधान करने को तय समयसीमा में मूर्तरूप देने को कहा गया है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने 12 दिसंबर, 2023 को हुई बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
कोर्ट ने संबंधित प्रशासन को निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार इस संबंध में टेंडरों पर 31 जनवरी, 2024 तक अपना हलफनामा दाखिल करे। कोर्ट ने इस मामले की समीक्षा बैठक में दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव के भी शामिल होने की बात कही है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे प्रविधान किए जाएं, जिससे आवश्यकतानुसार कोर्ट परिसर को कई कोर्ट रूम में बदला जा सके। इस संबंध में विशेष प्रविधानों और निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट 5 फरवरी, 2024 को सुनवाई करेगा। अक्टूबर, 2014 में न्यायिक अफसरों के लिए द्वारका में 70 आवास बनाने के फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं। ढांचा कुछ तकनीकी खामियों के कारण तब से खड़ा है।