ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक ने अंजॉ जिले के वालोंग का दौरा किया। राज्यपाल ने भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और राज्य पुलिस के कर्मियों के साथ बातचीत की।
राज्यपाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा देश की सुरक्षा के लिए संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने संवेदनशील सीमाओं की रक्षा में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरतापूर्ण परंपराओं को बनाए रखने और सतर्क रहने के लिए बलों को प्रोत्साहित किया।
स्थानीय लोगों के साथ मिलजुल कर रहे जवान: राज्यपाल
उन्होंने सीमा की रखवाली करने वाले जवानों को शारीरिक फिटनेस और मजबूत मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं, उन्होंने सीमा को सुरक्षित रखने के लिए कर्मियों के साथ आधुनिक सुरक्षा डिजाइन और कदम भी साझा किए। उन्होंने आगे जवानों से स्थानीय लोगों के साथ मिलजुल कर सद्भावना के साथ रहने की सलाह दी।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक आनंद मोहन, अंजॉ के उपायुक्त तालो जेरांग, पुलिस अधीक्षक राईक कामसी, बिहार, असम और पंजाब रेजिमेंट के अधिकारी और जवान और आईटीबीपी, बीआरओ, भारतीय वायु सेना के अधिकारी और राज्य पुलिस के जवान उपस्थित थे।
भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य क्या है?
राज्यपाल ने किबिथू में वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज कार्यक्रम के तहत चयनित सीमावर्ती गांवों के निवासियों के साथ भी बातचीत की। ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ नहीं उठा सके, उन्हें अगले साल 26 जनवरी से पहले लाभ दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सीखने और कौशल के बारे में: राज्यपाल
उन्होंने बताया कि यात्रा में आदिवासी कल्याण और आदिवासी समुदाय की भलाई पर विशेष ध्यान दिया गया है और उन लोगों से अपील की गई है जिन्हें अभी तक केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से लाभ नहीं मिला है, वे आगे आएं और इसका लाभ उठाएं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सीखने और कौशल के बारे में है और उन्होंने सभी को नई नीति के कार्यान्वयन में योगदान देने की सलाह दी।