जीवन बीमा प्रीमियम और चिकित्सा बीमा पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस ले सरकार

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने शुक्रवार को सरकार से जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की मांग की।

लोकसभा में प्रश्नकाल के तुरंत बाद बंद्योपाध्याय ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि बीमा प्रीमियम पर कर लगाना जनविरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे वापस लेना चाहिए और विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन की पार्टियों के सदस्यों ने इस मांग का समर्थन किया।

बंद्योपाध्याय ने कहा, “जीवन बीमा प्रीमियम और चिकित्सा बीमा पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी को वापस लिया जाना चाहिए। यह जीएसटी जनविरोधी है, यह भारत के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।”

बाहर आकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। पत्रकारों से बातचीत में बंद्योपाध्याय ने कहा कि हम लोगों के इस वर्ग के साथ खड़े हैं और जरूरत पड़ने पर हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक बड़े आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे जीवन और स्वास्थ्य बीमा योजना पर प्रीमियम भुगतान पर लगने वाले जीएसटी हटाने का अनुरोध किया था। पत्र में गडकरी ने लिखा कि जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम दोनों पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लगती है। जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।

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