नई दिल्ली। देश में 5जी सेवाओं को बढ़ाने के लिए 10वीं स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो गई है। सरकार ने मंगलवार को स्पेक्ट्रम की 96,238 करोड़ रुपये मूल्य की नीलामी शुरू की। इसमें एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों के बोली लगाने की उम्मीद है।
संचार मंत्रालय ने जारी बयान में बताया कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू की है। इसके लिए आठ मार्च को आवेदन आमंत्रण नोटिस (एनआईए) जारी किया गया था। मंत्रालय ने बताया कि इस बार नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के लिए बोली लगाए जाएंगे।
मंत्रालय के मुताबिक 10वीं नीलामी में स्पेक्ट्रम की कुल मात्रा विभिन्न बैंडों में 10,522.35 मेगाहर्ट्ज है, जिसका मूल्य आरक्षित मूल्य पर 96,238.45 करोड़ रुपये है। रेडियो तरंगों की बिक्री प्रक्रिया 2010 में ऑनलाइन शुरू होने के बाद से यह 10वीं स्पेक्ट्रम की नीलामी है। आखिरी बार अगस्त, 2022 में नीलामी हुई थी, जिसमें पहली बार 5जी सेवाओं के लिए रेडियो तरंगें शामिल की गईं थीं।
दूरसंचार विभाग के मुताबिक रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सबसे अधिक 3 हजार करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। इस आधार पर कंपनी अधिकतम रेडियो तरंगों के लिए बोली लगा सकती है। भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 300 करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने अपने स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को कम करने के लिए विशेष रूप से 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में रणनीतिक अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।