गोरखपुर चुनिंदा हाईवे और रिंग रोड के किनारे घर नहीं बनवा सकते 

गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की सीमा क्षेत्र में पड़ने वाले हाईवे और रिंग रोड के किनारे अब रहने के लिए कोई घर नहीं बना सकेगा। तीन सौ मीटर तक का यह क्षेत्र हाईवे फेसेलिटी जोन कहलाएगा। यहां खेती की जा सकेगी या फिर वेयर हाउस, पेट्रोल पंप, असप्ताल, होटल, मोटल, रिसार्ट और स्कूल आदि गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। नई महायोजना में हुए इस बदलाव को लेकर कई लोगों में नाराजगी है तो कुछ खुश भी हैं।

महायोजना के प्रारूप पर लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। आश्वासन के बाद वे आश्वस्त थे कि जब महायोजना फाइनल होगी तो इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब कुशीनगर और देवरिया मार्ग के किनारे के कुछ लोग फिर से आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

लोगों को हाईवे फेसेलिटी से ज्यादा आपत्ति मुख्य मार्ग से सटे 30-30 मीटर के बफर जोन और 18 मीटर के सर्विस लेन के लिए आरक्षित की गई जगह को लेकर है। उनका कहना है कि इससे उनकी कीमती जमीन उनके हाथ से चली जाएगी।

नई महायोजना 2031 में शहर के आसपास के क्षेत्रों, विशेषकर हाईवे और रिंग रोड के किनारे के क्षेत्रों के विकास के लिए संभावना तलाशने पर प्राधिकरण का जोर रहा है। इसी के तहत ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि कालेसर-जंगल कौड़िया-जगदीशपुर-कालेसर रिंग रोड, कुशीनगर फोरलेन पर मठिया बुजुर्ग से बेलवा खुर्द तक, देवरिया रोड पर मोतीराम अड्डा से थाेड़ा आगे तक, कालेसर जीरो प्वाइंट से बाईपास व मानीराम होते हुए सोनौली हाईवे तक और वाराणसी फोरलेन के दोनों ओर विकास की पर्याप्त संभावनाएं रहेंगी।

ज्यादातर स्थानों पर हाईवे और रिंग रोड के दोनों तरफ तो कुछ स्थानों पर सिर्फ एक तरफ पहले 30-30 मीटर की चौड़ाई में बफर जोन यानी हरित पट्टी रहेगी। इसके बाद 18-18 मीटर का सर्विस लेन और फिर 282 मीटर में हाईवे फेसेलिटी जोन घोषित किया गया है। इस जोन काे कृषि भू-उपयोग का ही भाग माना जाएगा।

प्राधिकरण के मुताबिक हाईवे फैसेलिटी जोन की सोच, कालेसर-जंगल कौड़िया, जगदीशपुर-कालेसर रिंग रोड के आस-पास के नए क्षेत्रों को विकसित करने के उद्देश्य से ही पनपी। बाद में इसका दायरा हाईवे के किनारे भी किया गया।

हाईवे फेसेलिटी जोन में ये निर्माण करा सकेंगे

यहां अस्पताल, लाजिस्टिक पार्क, वेयर हाउस, पेट्रोल पंप, होटल- मोटल, रिसार्ट, पेट्रोल पंप, स्कूल, कालेज और मैरेज हाल, स्कूल- कालेज आदि बनवाए जा सकेंगे। इस क्षेत्र में आवासीय निर्माण नहीं हो सकेगा।

शहर के प्रवेश द्वार पर बस अड्डे के लिए जगह

महायोजना में शहर को जाम की समस्या से राहत दिलाने के साथ ही इसे और बेहतर करने के उद्देश्य से नई महायोजना 2031 में शहर के हर प्रवेश द्वार पर बस अड्डे के लिए जगह सुनिश्चित की गई है। इसी तरह ट्रांसपोर्टनगर, वेयर हाउस, मंडी, शैक्षणिक एवं मेडिकल संस्थाओं को शहर के बाहर शिफ्ट करने का निर्णय किया गया है। इसके लिए महराजगंज रोड, सोनौली रोड, कुशीनगर रोड व देवरिया रोड के आस-पास जगह चिह्नित की गई है।

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