वैश्वीकरण ने हमारी लोक संस्कृति को प्रभावित किया : प्रो. वाई.पी. सिंह

महाविद्यालय में हुआ भारतीय संस्कृति और लोकगीत परंपरा विषयक व्याख्यान का आयोजन

बाराबंकी। स्थानीय संत कवि बाबा बैजनाथ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरख के प्रांगण में “बाबा बैजनाथ कल्चरल क्लब” द्वारा “भारतीय संस्कृति और लोकगीत परंपरा” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत लोकगीत गायन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं वंदन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. योगेंद्र प्रताप सिंह जी रहे। जिन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि लोकगीत लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है किंतु वैश्वीकरण ने हमारी लोक संस्कृति को नकारात्मक रूप में प्रभावित किया है। एक समय था जब कटाई, रोपाई, उत्सव और सावन में विभिन्न प्रकार के लोकगीत गाते थे आज वह नदारत हैं और उसके स्थान पर मोबाइल और स्पीकरों के माध्यम से फिल्मी गीतों का प्रचलन बढ़ गया है। लोकगीत धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं, समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह नष्ट हो जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रभारी प्राचार्य प्रो. रेनू मौर्य ने कहा कि लोकगीत लोक की सहज अभिव्यक्त हुआ करती थी जो अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। लोकगीत गायन प्रतियोगिता के अंतर्गत 05 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। नरगिस, बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा ने “अरे रामा, भादौ रैन अंधियारी, बदरिया छाई रे हारी” प्रस्तुत किया वहीं दिव्या शर्मा, एमएससी द्वितीय सेमेस्टर वनस्पति विज्ञान की छात्रा ने “अरे रामा, रिमझिम बरसे पनिया, झूले राधा रानी रे हारी” गाया, तत्पश्चात तुषा वर्मा, बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा ने कजरी गीत खट्टे-खट्टे नीबू, कभी तो मीठे होंगे” सुनाया और उसके बाद नेहा, एमएससी द्वितीय सेमेस्टर वनस्पति विज्ञान की छात्रा ने “आज आई बारात जनक नगरी” प्रस्तुत किया। अंत में शालिनी, बीएससी द्वितीय सेमेस्टर ने भोजपुरी सोहर “जुग जुग जिया तू ललनवा, भवनवां के भाग्य जागल हो” गाकर सभी को आनंदित कर दिया। इस प्रतियोगिता के निर्णायक मुख्य अतिथि थे। बाबा बैजनाथ कल्चरल क्लब के गठन के समय इसमें एक प्रतीक चिह्न (लोगो) बनाने का प्रावधान था जिसकी प्रतियोगिता पूर्व की गई थी जिसमें 10 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। उसमे प्रथम स्थान पर दिव्या शर्मा, दूसरे स्थान पर नेहा और तीसरे स्थान पर मोनी रहीं, जिन्हे मुख्य अतिथि के द्वारा ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम का संचालन ‘बाबा बैजनाथ कल्चरल क्लब’ के प्रभारी डॉ. अजीत कुमार सिंह कर रहे थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रो राजेश कुमार चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर क्लब के समन्वयक डॉ. रामलाल एवं समस्त प्राध्यापकगण, विद्यार्थी और कर्मचारियों के साथ मीडिया के बंधु भी उपस्थित रहे।

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