गाजियाबाद। गाजियाबाद में नक्शा पास कराने में लगने वाले समय में अब कमी आएगी। ऑनलाइन नक्शा पास कराना जल्द ही सरल हो जाएगा। सिर्फ ऊंचाई, सेटबैक और लैंडयूज सही है तो छोटे भूखंडों का नक्शा पास कर दिया जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव की तैयारी चल रही है। बिल्डिंग बायलॉज से भी कई गैरजरूरी क्लॉज को हटाया जाएगा। अभी ऑनलाइन नक्शा पास कराने के लिए आवेदन होता है तो स्क्रूटनी में बायलॉज की कई शर्तों पर आपत्तियां लगा दी जाती हैं। एक सप्ताह में पास होने वाले नक्शे में फिर एक महीने से ज्यादा का वक्त लग जाता है। 300 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के नक्शे को दो हिस्सों में पास कराने का प्लान है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) में अभी छोटे भूखंडों के नक्शों को ऑनलाइन पास करने का नियम है। लेकिन, सॉफ्टवेयर बिल्डिंग बायलॉज की शर्तों के आधार पर नक्शों की स्क्रूटनी करता है। ऐसे में कई आपत्तियां लग जाती हैं और आवेदक भटकता रहता है। अब प्लान बना है कि छोटे नक्शों को पास करने के लिए सिर्फ 3 बातों का ध्यान रखा जाएगा। अगर ऊंचाई, सेटबैक और लैंडयूज ठीक है तो नक्शा पास कर दिया जाएगा। किसी बिल्डिंग के चारों ओर छोड़ी गई जगह को सेटबैक कहा जाता है। छोटे भूखंड के नक्शों में सॉफ्टवेयर बिल्डिंग बायलॉज को नहीं देखेगा। जीडीए के इस प्रस्ताव को कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद लागू किया जाएगा।
दो हिस्से में होगा पोर्टल पर आवेदन
अधिकारी बताते हैं कि बड़े नक्शे यानी 300 वर्ग मीटर से अधिक बड़े भूखंड के नक्शे को पास करवाने में कई तरह की औपचारिकता करनी पड़ती है। इसलिए अब पोर्टल में दो हिस्से में आवेदन करने की तैयारी की जा रही है। जैसे किसी ने बड़े नक्शे का आवेदन किया तो पहले फेज में उसे सभी तरह की औपचारिकता को पूरा करना होगा। यदि किसी समिति में या बोर्ड में ले जाकर फैसला करना है तो उसे पूरा किया जाएगा। जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी तो दूसरे फेज में आवेदन किया जाएगा। फिर अधिकतम 15 दिन के भीतर नक्शा पास हो जाएगा।
कुछ नए बदलाव भी बायलॉज में जुड़ेंगे
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग बायलॉज में भी बदलाव किया जाएगा। अभी बायलॉज में कई गैरजरूरी चीजें हैं। उन्हें बदला जाएगा। बहुत से नए बदलाव हो चुके हैं। उन सभी बदलावों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जैसे एलिवेटेड और मेट्रो सेस। इसके साथ ही रैपिड एक्स कॉरिडोर के टीओडी जोन के मामले को भी नए बिल्डिंग बायलॉज में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है।
641 नक्शा आवेदन अभी लंबित
जीडीए के आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले वित्तीय वर्ष में ग्रुप हाउसिंग को छोड़कर 1798 नक्शे पास कराने के आवेदन आए थे। इसमें से 47 नक्शों को निरस्त कर दिया गया। 641 नक्शे किसी न किसी कारण से लंबित चल रहे हैं। अआवासीय के 400 नक्शों के आवेदन आए थे। इसमें 99 को निरस्त किया गया और 223 आवेदन लंबित चल रहे हैं। ग्रुप हाउसिंग के नक्शे की बात करें तो 46 नक्शे जमा हुए। इसमें से 12 को निरस्त कर दिया गया, जबकि 29 आवेदन लंबित चल रहे हैं।