गायत्री उपासना मिटा देती है कुबुद्धि और अविश्वास की भावना।

सत्संगति जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाती है।

बहराइच। विकासखंड नवाबगंज में आदिकाल से स्थापित बाबा मंगलीनाथ मंदिर के प्रांगण में दिनांक 28मार्च 2024से 01अप्रैल 2024तक नौ कुंडी गायत्री महायज्ञ एवं पांच दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण की अमृत कथा का रसपान कराया जा रहा है।आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन की सायंकालीन वेला में अशोक कुमार सपत्नीक द्वारा देवपूजन और बनारस गिरि, जगत राम,सीताराम द्वारा व्यास आसान की पूजा के बाद शांतिकुंज हरिद्वार की टोली का टीका और माल्यार्पण किया गया।तत्पश्चात देवमंच पर विराजमान टोली कथा व्यास राम शरण शास्त्री,ज्वाला प्रसाद ज्ञानी गायक,मदनलाल वर्मा वादक और सियाराम परिव्रजक द्वारा मातृ वंदना और प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया गया।पुनः कथा व्यास ने बताया कि आज मानव के मस्तिष्क में कुबुद्घि,अविश्वास,अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष ने अपना डेरा जमा लिया है। चारों तरफ कुमति अपना तांडव दिखा रही है।कुबुद्धी ने ही रावण, कंस,हिरण्यकश्यप जैसे अनेक राक्षसों को सन्मार्ग से हटाकर कुकर्म की ओर धकेल कर जघन्य कृत्य करवाए। कुबुद्धि से ग्रस्त कैकेई ने भरत से भी अधिक प्रिय राम को 14वर्ष का वनवास दिया।इसलिए हम सभी को कुबुद्धि का परित्याग कर सद्बुद्धि की देवी मां गायत्री की शरण में निज कल्याण के लिए जाना चाहिए।पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कभी कुमाता नही हो सकती है।इस संसार सागर में गायत्री मंत्र कामधेनु है।जिससे सभी मनोकामना पूरी हो सकती है।यह विश्व गायत्री का रूप है।महिला पुरुष सभी को समान रूप से गायत्री मंत्र जाप करने का अधिकार है। संतो ने इसके बारे में बहुत सुंदर जानकारी दी है।
क्रमशः
क्षेत्र की जनता से प्रवचन पंडाल खचाखच भरा हुआ था।सभी कार्यकर्ताओं ने पंडाल में आगंतुकों को यथा स्थान बैठाया और कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह ,आरती, कथा समापन पर प्रसाद और भोजन प्रसाद का वितरण कराया।कथा व्यास ने अगले दिन की कथा श्रवण का आमंत्रण देकर शांतिपाठ किया और इस दिन की कथा समाप्ति की घोषणा की।

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