गोंडा जिले में गौशालाओं की हालत बदतर,मरणासन्न अवस्था में मिली गाय

मैं गौशाला नहीं हूँ- राजेंद्र कुमार यादव बीडीओ

गोण्डा। जिले के विकासखंड मुजेहना ग्राम पंचायत बनकटी सूर्यबली सिंह में लाखों की लागत से बनी गौशाला में गायों की स्थिति सुधारने के लिए जिले की गौशालाओं में जहां करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं,तो वहीं जिम्मेदार सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। इसका उदाहरण मुजेहना विकासखंड के सूर्यबली सिंह गौशाला में देखने को मिला जहां बुधवार को पत्रकारों की टीम ने बनकटी सूर्यबली सिंह गौशाला की हकीकत देखी तो तो गौशाला का नजारा कुछ और था।गौशाला के किनारे लगे तार में एक एक बछड़े का गला फंसा हुआ था और वह पानी में पड़ा हुआ था।वहीं दूसरी छोर के किनारे गौशाला में पानी और कीचड़ में एक गाय मृत पड़ी मिलीं और एक यही नहीं एक और गाय मरणासन्न स्थिति में मिली जिसके मरने का इंतजार था और गौशाला में पशुओं के लिए सूखा भूसा सिर्फ पड़ा हुआ था।

जानवर भूख से व्याकुल थे गौशाला में ताला लगा हुआ था। हौदे में गंदा पानी पड़ा था जिसे पशु पीने के लिए मजबूर है इस गौशाला में लगभग दो दर्जन के आसपास पशु रखे गए हैं। इस गौशाला पर सुबह में सुबह करीब दस बज रहे थे। लेकिन गौशाला में कोई भी देखने वाला नहीं था। वहीं मृत पड़े जानवर की सूचना पत्रकार ने जिलाधिकारी को दी तो उसके कुछ ही देर बाद बनकटी सूर्यबली के प्रधान गौशाला पर पहुंचे और कहने लगे कि 50 रूपये में क्या होता है कई बार बीडीओ से कहा गया की गौशाला की बाउंड्री बनवा दीजिए बीडीओ ने नहीं बनवाया। गौशाला के किनारे गड्ढा खुदा हुआ है उसी में जानवर गिर जाते हैं। वही इस संबंध में खंड विकास राजेंद्र कुमार यादव से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया मैं गौशाला नहीं हूँ और क्या है मेरी जिम्मेदारी यहां कोई पशु मरा थोड़ी है। लेकिन मौके पर ना तो हरा चारा मिला और ना कोई चुनी चोकर सिर्फ पशुओं के होद में सूखा भूसा ही दिखाई दिया था।

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सूचना विभाग के द्वारा प्रकाशित करवाई जाती है झूंठी खबर।

वहीं गौशाला की खबर को सूचना विभाग के ग्रुप पर वायरल किया गया कि जिले में हो रही बारिश के कारण जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपद में सभी स्थाई एवं अस्थाई गौ आश्रय स्थलों को नियमित स्वयं जाकर निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान गौ आश्रय केंद्र पर निराश्रित गौवंशों को दिए जाने वाले सुविधाओं के संबंध में गहनता पूर्वक परीक्षण करें,तथा परीक्षणों उपरांत वहां पर भूसे की व्यवस्था, हरे चारे की व्यवस्था,पानी की व्यवस्था, तथा गौ आश्रय स्थलों के अंदर जल भराव की व्यवस्था एवं वहां पर नियमित तैनात रहने वाले कर्मचारी के संबंध में भी विस्तृत जानकारी की जाए, तथा उनको यह निर्देश दिया जाय कि गौ आश्रय स्थल में रहने वाले पशुओं की बराबर देखभाल करते रहे तथा समय-समय पर उच्च अधिकारियों को वहां की स्थिति के संबंध में जानकारी भी देते रहें,और किसी भी पशु को किसी प्रकार की कोई समस्या न होने पाये। इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गये। उन्होंने बताया है कि बरसात के दौरान जनपद के एक या दो गौशालाओं में थोड़ा बहुत पानी भरने पर कुछ पशु फिसल कर गिर गए थे,जिसके लिए तुरंत संबंधित पशु चिकित्सक को बुलाकर दिखाया गया। परंतु किसी भी पशु को दिक्कत नहीं हुई है।जिलाधिकारी के द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि अपने अपने क्षेत्रों के गौशालाओं का निरीक्षण करते रहे,तथा उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराते रहें।

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