मंडल के कई गैस एजेंसी संचालकों ने एलपीजी कंपनी के खिलाफ सीएम पोर्टल और आपूर्ति विभाग से शिकायत की है। आरोप लगाया कि एलपीजी कंपनी की तरफ से मंडल के 20 एजेंसी संचालकों को बुलाकर गैस सिलिंडर की लोडिंग पर रोक लगा दी गई।
कंपनी की तरफ से शर्त रखी गई कि पहले नॉन फ्यूल रेवेन्यू (एनएफआर) का टारगेट एजेंसी संचालक पूरा करें, फिर उन्हें सिलेंडर की डिलीवरी दी जाएगी। अगर सिलिंडर नहीं मिले तो लोगों के घरों के चूल्हे नहीं जल पाएंगे।
एलपीजी कंपनी और एजेंसी संचालक के बीच अनुबंध पत्र के दौरान यह साफ होता है कि एजेंसी संचालक अपनी मर्जी और सहमति से कंपनी के इन सामानों को भी खरीद सकता है। जरूरत पड़ने और ग्राहकों की मांग पर इसे एजेंसी भी दे सकती है या ग्राहक कंपनी से सीधे आकर खरीद लें।
बुधवार को एलपीजी कंपनी आईओसीएल के खिलाफ पीपीगंज के एक गैस संचालक ने आईजीआरएस पोर्टल पर सीएम से शिकायत की है। आरोप लगाया कि वो पीपीगंज में लंबे समय से गैस एजेंसी का संचालन करते हैं। बुधवार को उन्हें भी बैठक में जाना था, लेकिन नहीं जा सके।
दोपहर बाद उन्हें पता चला कि उनके अलावा मंडल के करीब 20 एजेंसी संचालकों को गैस की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है। शर्त रखी गई है कि उन्हें एनएफआर के तहत 19 किलोग्राम कॉमर्शियल सिलेंडर, 19 किलोग्राम नैनो कट, 5 किलोग्राम कॉमर्शियल और 2 किलोग्राम सिलेंडर की बुकिंग करनी है।
कहा गया कि पहले एजेंसी संचालक सिलेंडर ट्राली, गैस लाइटर, पाइप, स्टोप, थर्मल स्टोप( चूल्हा) किचन अप्लायंसेस, फायर वॉल, ( आग बुझाने वाला) के अलावा एक पेंट( निजी कंपनी) और एफएमसीजी के तहत कुछ सामानों की बुकिंग करनी होगी। इसी बुकिंग के बाद उन्हें सिलेंडर का लोड जारी किया जाएगा। इसी शर्त पर उनकी और अन्य एजेंसी संचालकों का सिलेंडर रोक दिया गया है।
आपूर्ति दफ्तर में भी की शिकायत
एक गैस एजेंसी संचालक ने आपूर्ति विभाग में भी लिखित शिकायत की है। शिकायत में बताया कि उनके गैस की डिलीवरी को एलपीजी कंपनी की तरफ से रोक दी गई है। ऐसे में अब गैस सिलेंडर की सेवा दे पाने में वो असमर्थ हैं। उन्होंने आपूर्ति विभाग में संपर्क कर एलपीजी कंपनी पर दबाव बनाकर उनके गैस को लोड को जारी करने की गुजारिश की है।
मंडल एलपीजी प्रमुख रवि कुमार चंदेरिया ने बताया कि एलपीजी कंपनी की तरफ से किसी सामान के खरीदने के लिए बाध्यता नहीं दी गई है। किसी गैस एजेंसी के लोड को नहीं रोका गया है। एजेंसी संचालकों को कुछ गलतफहमी हो गई होगी।
सुरक्षा के तहत हाॅकरों को घर-घर जाकर किचन में गैस सिलेंडर के प्रयोग और रखरखाव की जांच की जा रही है। इसके तहत अगर कहीं जरूरत पड़ी तो ग्राहक या हॉकर एजेंसी संचालक या कंपनी से संपर्क कर सामानों को खरीद सकता है। लेकिन, इसके लिए किसी प्रकार की बाध्यता नहीं है।
जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ग्राहक सिलेंडर की खरीदारी के समय सिर्फ रेगुलेटर और गैस सिलेंडर खरीदने के लिए बाध्य होता है। इसके अलावा कंपनी या एजेंसी किसी भी अन्य सामान के खरीदारी का दबाव नहीं बना सकती है। ये गलत है।
ऐसी शिकायतें सामने आई हैं। इसकी जांच करवाई जाएगी। कंपनी की तरफ से भी उनकी जीओ मांगा जाएगा। देखें तो किस आधार पर उनकी तरफ से ऐसा किया गया, जिसकी शिकायत आई है।