बलिया में गंगा व सरयू नदियों ने मचायी तबाही, बुलाई गई एनडीआरएफ

बलिया। जिले में गंगा व सरयू नदियों ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। दोनों नदियों में आए जबरदस्त उफान से बाढ़ के कारण जिले में 27 गांवों की लगभग 31 हजार से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। बैरिया तहसील के जयप्रकाश नगर के पास एक पुल का एप्रोच गंगा के पानी में बह गया। कई गांवों में सरकारी प्राइमरी स्कूल बाढ़ से घिर गए हैं। बाढ़ के विकराल रूप को देखते हुए एनडीआरएफ भी बुला ली गई है।

जिले में बाढ़ से हालात लगातार खराब हो रहे हैं। बैरिया थाना क्षेत्र के कोडरहा नौबरार जयप्रकाश नगर पंचायत का टीपुरी गांव में जाने वाले पुल के दोनों साइड का एप्रोच गंगा नदी के बाढ़ में विलीन हो गया। जिससे गांव में आने-जाने का संपर्क टूट गया है। ऐसे में ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है।

जिले के दो छोर पर बहने वाली बड़ी नदी गंगा व सरयू के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। दोनों नदियों का जलस्तर खतरा बिंदु पार कर गया है। गंगा व घाघरा के अलावा छोटी नदियों के भी जलस्तर बढ़ने लगे हैं। इससे तटवर्ती इलाकों के गांवों में पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। बाढ़ से जिले के 27 गांवों की 31 हजार आबादी प्रभावित होने के अलावा 97.7 हेक्टेयर आबादी व लगभग 197.7 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि प्रभावित हुई है। गंगा नदी बलिया सदर व बैरिया तहसील के उजियार से लेकर मांझीघाट तक गांवों को प्रभावित कर रही है। सरयू बेल्थरारोड, सिकंदरपुर, बांसडीह व बैरिया तहसील के गांवों में तबाही मचा रही है। टोंस नदी रसड़ा व चितबड़ागांव क्षेत्र और मगई सदर तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में अपना रौद्र रूप दिखा रही है।

गंगा की बाढ़ और पानी में घिरे कई गांवों में अभी तक प्रशासन की ओर से नावों की व्यवस्था नहीं हो पाई है। गंगा का पानी बंधे के दक्षिण दिशा में बसे गांव सदर तहसील के बादिलपुर, भरखोखा, जगछपरा, शुक्ल छपरा, धरमपुर, मझौवा, पोखरा, बघऊंच, मुडाडीह, बैरिया तहसील के चांद दियर, गोपाल नगर, इब्राहिमाबाद नौबरार, सुघर छपरा, दुबेछपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, प्रसाद छपरा, आलम राय के टोला, पांडेपुर, वंश गोपाल छपरा आदि गांवों के लोग घरों में दुबकने को विवश हो गए हैं। इन गांवों के लोग अपने बच्चों, माल व मवेशियों को लेकर भी गांव में फंसे हुए हैं।

उधर, जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ प्रभावितों के आवागमन के लिए 76 नावें लगायी गयी हैं। एडीएम ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम राहत एवं बचाव कार्य के लिये तैनात की गयी है। जनपद की सभी 61 बाढ़ चौकियां व 72 राहत शिविर क्रियाशील कर दिये गये हैं। वर्ततान में बासंडीह तहसील में सुल्तानपुर में स्थापित किये गये बाढ़ राहत शिविर में 70 लोग रह रहे हैं। जबकि बैरिया तहसील में लार्ड कृष्णा एकेडमी को बाढ़ राहत शिविर के लिए अधिग्रहीत किया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए ताजा भोजन, पानी, बिस्तर व लाईट आदि की व्ययस्था की गयी है। बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों में अब तक 44 सौ राहत सामग्री की किट वितरित की गयी है। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार खुद बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रो में की जा रही व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। उनके निर्देश पर एडीएम देवेन्द्र प्रताप सिंह व समस्त उप जिलाधिकारी नियमित रूप से भ्रमण कर रहे हैं। डीएम के निर्देश पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है।

सभी नदियों का जलस्तर बढ़ाव पर

केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त रिर्पोट के अनुसार बुधवार को बलिया में गंगा नदी का गेज स्थल गायघाट पर जलस्तर 59.63 मीटर था जो खतरा बिन्दु 57.615 मीटर से 2.015 मीटर ऊपर है। गंगा का जलस्तर 2016 के हाई फ्लड लेवल की ओर अग्रसर है। सरयू नदी का जलस्तर तुर्तीपार में 64.72 मीटर था जो खतरा बिन्दु 64.01 मीटर से 0.71 मीटर ऊपर है।

मेडिकल टीमें तैनात

बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा नौ मेडिकल टीमें तैनात की गयी हैं, जो प्रभावित व्यक्तियों का उपचार कर रही हैं। पशु पालन विभाग द्वारा पशुओं के टीकाकरण व उपचार की व्यवस्था की गई है।

बाढ़ पीड़ितों के खाते में भेजी गई सहायता राशि

सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण हुए कटान से नदी में पूर्णतया विलीन हुए टिकुलिया आदि गांवों के 97 पक्का, 12 कच्चा व 12 झोपड़ी पर अब तक कुल एक करोड़ 31 लाख 76 हजार एवं बर्तन, कपड़ा और अन्य घरेलू सामान क्षतिग्रस्त होने पर 65 परिवारों में तीन लाख 25,000- की धनराशि प्रभावित व्यक्तियों के बैंक खाते में भेजी गयी है। सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण हुए कटान के कारण नदी में विलीन हुई 74.8445 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष 612 किसानों को 45 लाख 74 हजार 778 की धनराशि बैंक खाते में भेजी गई है।

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