प्रदेश के युवाओं को विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों में उपलब्ध कराया जायेगा निःशुल्क प्रशिक्षण :कपिल देव

  • ओईएम पाॅलिसी के जरिये युवाओं को किया जायेगा प्रशिक्षित
  • प्रशिक्षित युवाओं को संस्थायें ग्लोबल सर्टिफिकेट प्रदान करेंगी
  • युवाओं को देश के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे
  • मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा राजकीय पाॅलीटेक्निक में अध्ययनरत 10 हजार छात्रों से की जा रही है शुरुआत
  • उ०प्र० कौशल विकास मिशन ने ओरिजनल इक्यूपिमेंट्स मैन्यूफेक्चरर्स (ओईएम) को अनुबंधित करने के लिए तैयार की ओईएम पाॅलिसी

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहे है। इसी कड़ी में युवाओं के लिए कौशल विकास मिशन द्वारा ओरिजनल इक्यूपिमेंट्स मैन्यूफेक्चरर्स (ओईएम) को अनुबंधित करने तथा अपेक्षित मानकों का निर्धारण करने के लिए ओईएम पाॅलिसी तैयार की गयी है।
कौशल विकास मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश को एक खरब डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 के अन्तर्गत उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों के जरिये प्रदेश के युवाओं को विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों में निःशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जायेगा। प्रशिक्षण के पश्चात् प्रशिक्षित युवाओं को संस्थायें ग्लोबल सर्टिफिकेट भी प्रदान करेंगी, जिससे देश में रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। ओईएम पाॅलिसी के माध्यम से प्रदेश के आईटी सेक्टर में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी को दूर करने के साथ ही बड़ी संख्या में प्रशिक्षित इंजीनियर्स तैयार किये जा सकेंगे।कौशल विकास मंत्री ने यह भी बताया कि शुरूआत में आईबीएम की सहयोगी संस्था रेड हेट के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा राजकीय पाॅलीटेक्निक में अध्ययनरत 10 हजार छात्रों को यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। आईबीएम द्वारा वैश्विक मांग को देखते हुए पाठ्यक्रम तैयार किये जायेंगे तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्र व छात्राओं को विभिन्न देशों में मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायेगी।

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