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कोलकाता। बंगाल के वाणिज्यिक कर निदेशालय (राज्य जीएसटी) ने 4,716 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी बिल बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निदेशालय के इतिहास में 1941 के बाद से यह पहली बार है कि गिरफ्तारियां सीधे इसके जांच ब्यूरो के तहत की गई हैं। पहले गिरफ्तारी के लिए पुलिस की मदद ली जाती थी।
चार ऑपरेटरों ने बंगाल में 178 फर्जी कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया
वाणिज्यिक कर निदेशालय के आयुक्त खालिद अनवर ने बताया कि दोनों रैकेटों में 801 करोड़ रुपये की भारी कर चोरी शामिल थी।अतिरिक्त आयुक्त सुदेशना मुखोपाध्याय ने कहा कि इन दोनों रैकेटों में शामिल कुल कारोबार 4,716 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि चार ऑपरेटरों ने बंगाल में 178 फर्जी कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया, और 801 करोड़ रुपये की कर चोरी करने के लिए फर्जी बिल जारी किए। इस मामले में जांच अभी भी जारी है।
मनी लांड्रिंग मामले में एक गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रियल एस्टेट की दागी कंपनी शाइन सिटी द्वारा की गई धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लांड्रिंग मामले में कंपनी के फरार मालिक के एक सहयोगी अभिषेक कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि अभिषेक शाइन सिटी के मालिक रशीद नसीम का सहयोग करता था। वह अपराध की आय को इकट्ठा करने, छुपाने और सफेद करने में सक्रिय रूप से सहायता कर रहा था। ईडी का मामला उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नसीम और शाइन सिटी ग्रुप आफ कंपनीज के खिलाफ दर्ज की गई लगभग 250 एफआइआर पर आधारित है। नसीम निवेश पर भारी रिटर्न का वादा कर 800-1,000 करोड़ रुपये एकत्र किया और अंतत लोगों को धोखा दिया।
एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि ऐसे कई एजेंट थे जो निवेशकों को लुभाने के लिए कंपनी को गलत लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे थे और अपराध में नसीम और शाइन सिटी की मदद करते थे। ईडी की जांच में पाया गया कि अपराध की आय अन्य कंपनियों और व्यक्तियों को हस्तांतरित की गई थी। मुख्य एजेंटों में से एक सिंह ने अपराध की आय हासिल की।