अनूपशहर। एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट ने कोविड महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में पूर्व विधायक जयभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को दो वर्ष पांच माह की कठोर कारावास तथा 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अपील किए जाने पर अदालत ने पूर्व विधायक की जमानत मंजूर करते हुए उन्हें रिहा कर दिया। मामले का निस्तारण होने तक पूर्व विधायक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
शासकीय अधिवक्ता हितेंद्र कुमार वर्मा ने बुधवार को बताया कि जिले की विधानसभा डिबाई के पूर्व विधायक श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित ने कोविड-19 महामारी कार्यकाल में अपने आवास पर भीड़ एकत्र करके भोजन का वितरण किया था। इस पर 11 मई-2020 को बुलंदशहर की खुर्जा गेट पुलिस चौकी के एसआइ रामनरेश ने पूर्व विधायक को नोटिस भेजा था।
नोटिस का दुरुपयोग करते हुए गुडडू पंडित ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड करके आमजन को गुमराह किया कि वह जनता की सेवा कर रहे है, किंतु पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है। बुलंदशहर नगर कोतवाली पुलिस के एसआइ रामबाबू ने 19 मई-2020 को पूर्व विधायक गुड्डू पंडित के खिलाफ कोविड महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने, सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम का दुरुपयोग करने, जनता को गुमराह करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले में एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने कोविड महामारी अध्यादेश-2020 में दो वर्ष पांच माह का कठोर कारावास व 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियुक्त पक्ष के वकील की अपील पर अदालत ने जुर्माना राशि जमा कराकर गुड्डू पंडित को जमानत पर रिहा कर दिया। गुडडू पंडित मामले का पूर्ण निस्तारण होने तक किसी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ सकते है।
अदालत ने अपने निर्णय में यह भी लिखा है कि कोविड-19 में मानव सभ्यता का मूल्य समाप्त हो रहा था। मां-बाप अपने बच्चों व बच्चे मां-बाप को खो रहे थे। ऐसी गंभीर स्थिति में संक्रमण के कारण मानव जीवन समाप्त हो रहा था।
अभियुक्त के इस कृत्य से न जाने कितने लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, इसका अंदाजा लगाना कठिन है। गौरतलब है कि गुड्डू पंडित डिबाई विधानसभा से दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे। इसमें एक बार बसपा व दूसरी बार सपा के विधायक बने थे। फिलहाल वह सपा में हैं।