पूर्व विधायक बेटे ने फर्जी फिजियोथेरेपी सेंटर के चक्कर में आकर बिगाड़ ली तबियत

अलीगढ़ में धौर्रा इलाके के कथित शेरवानी फिजियोथेरेपी सेंटर पर उपचार से फिरोजाबाद के भाजपा नेता व पूर्व विधायक शिव सिंह चक के बेटे की हालत नाजुक है। पूर्व विधायक पुत्र सुमित का शरीर लकवा की स्थिति में है। कई अंग तो हरकत भी नहीं कर रहे हैं। सुमित का आगरा के एक निजी नर्सिंग होम में उपचार चल रहा है। बताते हैं कि वह ऑनलाइन प्रचार व सेंटर संचालक के झांसे में आकर यहां आया था। अब उसकी हालत सुधरने पर पूर्व विधायक मुकदमा दर्ज कराने आएंगे।

फिरोजाबाद के पूर्व विधायक शिव सिंह चक ने बताया कि उनके 30 वर्षीय बेटे को कुछ समय पहले चोट लगी थी। तभी से उसे पीठ में दर्द व सर्वाइकल आदि की परेशानी थी। आगरा में उसका उपचार चल रहा था। मगर सुमित ने कथित शेरवानी फिजियोथेरेपी सेंटर का ऑनलाइन प्रचार देखा, जिसमें संचालक की ओर से तीन दिन की थेरेपी में बीमारी सही करने का दावा किया गया था। इस पर वह परिवार से जिद कर पिता के साथ उपचार कराने यहां पहुंच गया। 9 जुलाई दोपहर वहां मौजूद सेंटर संचालक आरिफ शेरवानी ने अपने बेटे के साथ उपचार शुरू किया।

आरोप है कि उपचार के नाम पर उसने गमछा सुमित के गले में डालकर खींचना शुरू किया। बस इसी दौरान सुमित की तबीयत बिगड़ गई और उसके हाथ, पैर आदि अंगों ने हिलना-डुलना बंद कर दिया। इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उन्होंने पुलिस प्रशासन को सूचना दी। तब वहां पुलिस, तहसील टीम व एसीएमओ आदि पहुंच गए।

इकलौते बेटे की हालत नाजुक, परिवार परेशान
पूर्व विधायक के अनुसार, अभी उनके बेटे की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों द्वारा उपचार शुरू किया गया है। अभी एमआरआई की गई है। इकलौते बेटे के साथ यह सब हुआ है। परिवार में कोहराम के हालात हैं। वह यही कहते हैं कि अभी बेटे का उपचार करा रहे हैं। उसकी हालत सुधरने पर वह इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने आएंगे।
धौर्रा माफी में घर में अबैघ रूप चल रहे फिजियोथेरेपी की जॉच करते स्वास्थ्या विभाग के अधिकारी

ऑनलाइन प्रचार से दूरदराज से आते हैं मरीज
मौके पर जांच के लिए गए एसीएमओ डॉ. दिनेश खत्री के अनुसार 9 जुलाई को जब वह जांच के लिए पहुंचे तो वहां करीब 24 मरीज थे। कोई बिहार से था तो कोई पूर्वी यूपी के किसी जिले से था। कोई दिल्ली, हरियाणा तक से आया हुआ था। मरीजों को तीन दिन के लिए थेरेपी देने के लिए रखा जाता है। फीस 25 हजार रुपये तक ली जाती है। फिर तीन महीने किसी उपचार की जरूरत न होने की बात कही जाती है।

गली-गली में खुले हैं थेरेपी सेंटर
फिरोजाबाद के पूर्व विधायक पुत्र के साथ कथित फिजियोथेरेपी सेंटर में जो हुआ, वह तो एक उदाहरण मात्र है। अपने शहर व जिले में कथित डॉक्टरों की दुकानें गली गली में खुली हैं। स्वास्थ्य महकमा इनकी ओर आंखें मूंदे हुए है। इसका सबसे बड़ा अड्डा मेडिकल कॉलेज के आसपास का क्षेत्र है। सर्वाधिक कथित डॉक्टरों के नर्सिंग होम धौर्रा, जीवनगढ़ बाईपास, दोदपुर के इलाके में हैं। जहां बिना डॉक्टरों के अस्पताल तक संचालित हो रहे हैं, जिनके पंजीकरण तक नहीं हैं। यहां मेडिकल कॉलेज से मरीज बुलाए जाते हैं। जरूरत के अनुसार डॉक्टर ऑन कॉल बुलाए जाते हैं। अपने रामघाट रोड पर भी क्वार्सी से आगे कुछ ऐसे अस्पताल संचालित हैं। इसी तरह शहर के कई इलाकों में जर्राह, फिजियोथैरेपी के नाम पर तमाम सेंटर संचालित हैं। कहने को स्वास्थ्य महकमे में पांच सौ नर्सिंग होम व क्लीनिक पंजीकृत हैं। जिनके पंजीकरण हैं। बाकी बड़ी संख्या में पैथलैब, अस्पताल व तरह तरह के सेंटर संचालित हैं। मगर इस दिशा में कोई कदम उठाया नहीं जा रहा है।

कायरोथेरेपी वाले कर रहे फिजियोथेरेपी को बदनाम
धौर्रा इलाके के शेरवानी थेरेपी सेंटर पर हुई कार्रवाई की जिले के फिजियोथेरेपिस्ट ने स्वास्थ्य अधिकारियों का आभार जताया है। मगर ऐतराज जताया है कि ये फिजियोथेरेपी नहीं है, बल्कि ये कायरोथेरेपी है। कायरोथेरेपी वाले इसे फिजियोथेरेपी का नाम देकर फिजियोथेरेपी को बदनाम कर रहे हैं। इस पर सभी को संज्ञान लेना चाहिए। इसका संचालन सिर्फ किसी आर्थोपैडिक के साथ ही हो सकता है।

सर्टिफाइड फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन द्वारा पत्रकारों से वार्ता करते डॉ अभय पचौरी,डॉ राजेश अग्रवाल,डॉ अरविन्द राघव,डॉ अभय भारद्वाज अलीगढ़ के फिजियोथेरेपिस्ट ने 10 जुलाई को प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिकायत के आधार पर जो कार्रवाई की है। वह बेहद संतुष्टि जनक है। मगर दुख व रोष की बात ये है कि इसे फिजियोथैरेपी सेंटर कहा जा रहा है, जो गलत है। कायरोप्रैक्टिस का फिजियोथेरेपी में कोई भी भाग या शाखा नहीं है और न ही कायरोप्रैक्टिस फिजियोथेरेपी के अंतर्गत आती है। कायरोप्रैक्टिस का कोई भी कोर्स भारत में मान्यता प्राप्त नहीं है और न ही किसी भी यूनिवर्सिटी द्वारा या राज्य सरकार द्वारा उसको कराया जाता है। इस मौके पर संस्था के जनरल सेक्रेटरी डा. अभय पचौरी, डा. राजेश अग्रवाल, डा. अरविंद राघव, डा. अभय भारद्वाज, डा. अजय शर्मा, डा. सुनील हरियाना, डा.नीरज, डा. साक्षी राघव, डा. पंकज आदि थे।

ये फिजियोथेरेपी नहीं, बल्कि इसे कायरो थेरेपी कहा जाता है। इसका पंजीकरण अलग से नहीं होता, बल्कि आर्थोपैडिक सर्जन के साथ इसे चलाया जा सकता है। अभी सेंटर को सील कर आरिफ शेरवानी को नोटिस दिया गया है। जवाब का इंतजार है। बाकी पूर्व विधायक की लिखित शिकायत पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. दिनेश खत्री, एसीएमओ अलीगढ़।

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